किरोड़ी लाल मीना के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद भाजपा और सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। पार्टी हाल ही पांच रिक्त विधानसभा सीटों पर प्रभारी लगाए हैं। इनको निर्देश दिए गए हैं कि 13 जुलाई को इन क्षेत्रों से आने वाले नेताओं से मुलाकात करें और इसके बाद दो माह तक संबंधित विस क्षेत्रों में प्रभारी कैंप कर लें। पार्टी हर हाल में पांच में से कुछ सीटें जीतना चाहती है। लोकसभा चुनाव में जो पांच विधानसभा सीटें रिक्त हुई थी। उनमें से एक भी भाजपा का विधायक नहीं है। पार्टी सूत्रों के अनुसार बड़े नेता यह मानकर चल रहे हैं कि अक्टूबर में विधानसभा उपचुनाव हो सकते हैं। पार्टी चाहती है कि पांच में से कुछ सीटों पर हर हाल में जीत हो, जिससे लोकसभा चुनाव की हार को कुछ हद तक भुलाया जा सके। पार्टी का सबसे ज्यादा फोकस खींवसर सीट पर है। यहां भाजपा प्रत्याशी करीब दो हजार वोटों से ही चुनाव हारे थे। इसके अलावा दौसा, देवली-उनियारा, झुंझनूं पर भी पार्टी फोकस कर रही है। चौरासी विधानसभा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) से विधायक रहे राजकुमार रोत सांसद बन चुके हैं। रोत विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इस सीट पर बीएपी को कैसे हराया जाए। इस पर भी मंथन किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को भी तोड़ लिया था, लेकिन वे भी इस क्षेत्र में जीत नहीं दिला सके थे. कृषि मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके किरोड़ी लाल मीना से शनिवार को राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार इस्तीफे को लेकर भी चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि मदन राठौड़ ने मीना को कहा कि वे पार्टी के मजबूत स्तंभ हैं। भावावेश में आकर कोई निर्णय न करें। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई।