बीजेपी नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे के बाद अटकलों का बाजार गर्म है. इस्तीफे के पीछे एक वजह तो यही बताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सीट नहीं जीत पाने को लेकर उन्होंने इस्तीफे का संकल्प लिया था और जिसे पूरा भी कर दिया है. वहीं, उनके इस्तीफे के बाद राजस्थान की सियासत में हलचल तेज हो गई है. कयास यह भी है कि सरकार बनने के बाद बीजेपी के इस वरिष्ठ नेता को लेकर जिस तरह कहा जा रहा था कि विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री या किसी बड़े विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.वहीं, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और किरोड़ीलाल मीणा के बीच की खींचतान को भी उनके इस्तीफे से जोड़कर देखा जा रहा है. इन्हीं सब के चलते डॉ. मीणा ने इस्तीफा दे दिया है. लेकिन उपचुनाव का समय नजदीक आने के साथ ही उनके इस्तीफे को जोड़कर देखा जा रहा है. वजह चाहे जो हो, लेकिन पूर्व कैबिनेट मंत्री के इस्तीफे के बाद पूर्वी राजस्थान में सहानुभूति मिलने की संभावना भी है. जिसका असर दौसा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान देखने को मिल सकता है. अगर ऐसा होता है तो मीणा समाज का वोट बीजेपी के पक्ष में जा सकता है. जिसके चलते यह सीट बीजेपी के खाते में आ सकती है.   बता दें कि दौसा, झुंझुनू, देवली-उनियारा, चौरासी व खींवसर के विधायकों ने लोकसभा चुनाव जीत लिया. अब उनके सांसद चुने जाने के बाद ये सीट खाली हो चुकी हैं. इन सीटों पर अब उपचुनाव की तैयारी है. पिछले साल दिसंबर-2023 में विधानसभा चुनाव के दौरान इन 5 सीटों पर बीजेपी को हार मिली थी.