गुवाहाटी। असम में बाढ़ के पानी ने अब तक 46 लोगों की जान ले ली है। बुधवार को राज्य में बाढ़ के पानी में डूबने से आठ और लोगों की मौत हो गई। सोनितपुर जिले में दो जबकि मोरीगांव, डिब्रूगढ़, दरांग, गोलाघाट, बिस्वनाथ और तिनसुकिया जिले में एक-एक व्यक्ति की जान गई।
पानी में 11 जानवर डूब गए
अरुणाचल में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर
अरुणाचल प्रदेश में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि 60,000 से अधिक लोग प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि चार जिलों नामसाई, लोहित, चांगलांग और पूर्वी सियांग में भीषण बाढ़ आई है जबकि अन्य जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के बाद भूस्खलन हुआ है।
उधर लगातार बारिश के कारण मणिपुर के इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों में कई स्थानों पर बाढ़ आ गई है, क्योंकि दो प्रमुख नदियों के तटबंध टूट गए हैं। सेनापति जिले में सेनापति नदी में कम से कम दो लोग डूब गए।
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित जिलों में 515 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां करीब 3.86 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ का पानी घरों में घुसने के बाद कई बाढ़ प्रभावित लोग सुरक्षित स्थानों, ऊंची स्थलों, स्कूल भवनों, सड़कों और पुलों पर शरण ले रहे हैं। इस बीच, असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के पानी में 11 जानवर डूब गए हैं, जबकि 65 अन्य जानवरों को बचा लिया गया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएम) की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, दो जुलाई को तिनसुकिया जिले में दो लोगों की मौत हो गई जबकि धेमाजी जिले में एक व्यक्ति की जान चली गई।
ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
मंगलवार को राज्य में बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई, क्योंकि 29 जिलों के 16.25 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के पानी ने 42,476.18 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। इस बाढ़ में कुल 2800 गांव प्रभावित हुए हैं। ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर नेमाटी घाट, तेजपुर, गुवाहाटी और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर है। इसके अलावा प्रदेश में अन्य नदियां भी उफान पर हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।