उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ मच गई है। भगदड़ में करीब 116 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है। बताया जाता है कि भोले बाबा के सत्संग का समापन कार्यक्रम चल रहा था और इस दौरान यह भगदड़ मची। घटना में 200 से अधिक लोग घायल हैं। भोले बाबा का सत्संग सुनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थें। बाबा इतने प्रसिद्ध हैं कि बड़े नेता भी इनकी जय-जयकार करते हैं।

जानकारी के अनुसार नारायण हरी सरकार उर्फ़ भोले बाबा का जन्म उत्तरप्रदेश के एटा में हुआ था। इस बाबा का असली नाम सूरज पाल बताया जा रहा है। वह आईबी (इंटेलीजेन्स ब्यूरो) का पूर्व अधिकारी था। करीब 25 - 26 साल पहले बाबा ने सरकारी नौकरी छोड़ दी और सत्संग करने लग गए। इस बाबा का भले ही कोई सोशल मीडिया अकाउंट न हो लेकिन दिल्ली, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में अच्छे खासे अनुयायी हैं।

जानकारी के अनुसार, हाथरस में नारायण हरी बाबा हर महीने के पहले मंगलवार को सत्संग किया करता था। कुछ लोग बाहर से भी इस सत्संग में शामिल होने आया करते थे। सत्संग में आने वाले लोगों के लिए व्यवस्था करने का काम इस बाबा से सेवक और सेविकाएं करते थे।

सूत्रों के अनुसार एटा जिले में जन्मे इस बाबा ने UP पुलिस की LIU (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) में नौकरी की है। 26 साल पहले नौकरी छोड़कर बाबा बने। दूसरे बाबाओं की तरह भगवा पहनना पसंद नहीं। बाबा राम रहीम की तरह इनकी अपनी सिक्योरिटी टीम है।

2 जुलाई को हाथरस के रतीभानपुर में हुई इस सत्संग में करीं 50 हजार लोग पहुंचे थे। इस सत्संग में जितने लोगों के आने की परमिशन थी असल में उससे कई अधिक लोग यहां पहुंचे थे। जैसे ही सत्संग ख़त्म हुई भगदड़ मच गई। इस दौरान कई लोगों की मौत हो गई। जहां सत्संग हो रही थी वहां से बाहर निकलने का भी एक ही रास्ता था। इस कारण लोग एक दूसरे पर चढ़ गए और लोगों की मौत हो गई।

हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की बाबा के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिसमें सपा अध्यक्ष के उनके साथ होने का दावा किया जा रहा है. जिस पर अब अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सरकार को तस्वीर देखकर जांच कराना चाहिए.  

अखिलेश यादव ने कहा कि, "बीजेपी कितना घटिया काम कर सकती है. बीजेपी किसी भी हद तक नीचे जा सकती है. ये कोई नई बात हैं. बीजेपी ये जो काम करती है. उन्होंने कहा कि जहां तक जांच की बात है तो दिल्ली सरकार उनकी है..यूपी सरकार उनकी है..अगर उन्हें जांच करनी है