कोटा। दादाबाड़ी थाना इलाके में गुरुवार को सुसाइड करने वाले कोचिंग छात्र 17 वर्षीय ऋषित का शनिवार को परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हुआ। झारखंड वह के देवघर का रहने वाला था। बिहार की भागलपुर मृतक ऋषित यूनिवर्सिटी में पदस्थ पिता डॉ. प्रदीप राघव ने कहा कि बेटे की मौत

एक रहस्य है। उसे न प्यार की कमी थी और न पैसे की। कुछ समय पहले कोचिंग संस्थान से शिकायत मिली थी कि ऋषित क्लास में नहीं आता। तब मैं उसे कोटा लेने आया था। उससे कहा कि बेटा सिर्फ यही जीवन नहीं है। कहने का तात्पर्य है कि उस पर पढ़ाई या अन्य प्रेशर बिल्कुल नहीं था। हालांकि, ऋषित ने आग्रह किया और कहा था कि मेरा कोर्स पूरा हो जाने दीजिए, तब हमने उसकी बातों में आकर यहां पर छोड़ दिया।

• आरोप : 42 घंटे से ज्यादा

कैसे लटका रहा बेटे का शव डॉ. राघव का कहना है कि बेटे से आखिरी बार 22 जून को बात हुई थी। ऋषित की मां आरती ने मुझे 23 जून को बताया कि वह फोन नहीं उठा रहा। 24 और : ऋषित के पिता डॉ. प्रदीप राघव

25 को भी हमने ट्राई किया लेकिन फोन नहीं

उठा। उसने 26 जून को भी फोन नहीं उठाया तो मैंने हॉस्टल संचालक को फोन किया, तब घटना का पता चला। हमें यहां पता चला कि बच्चे की मौत 42 से 48 घंटे पहले हो गई थी। यानि हॉस्टल में नाइट अटेंडेंस नहीं ली गई। हालांकि, सीआई नरेश मीणा का कहना है कि शव 42 से 48 घंटे रहा या नहीं, इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी। 24 घंटे से ज्यादा रहा, यह तो प्रथम दृष्टया

क्लियर है।