भारत ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमरीकी विदेश विभाग की 2023 की रिपोर्ट को गहरे पक्षपातपूर्णऔर भारत की सामाजिक गतिशीलता की समझ की कमी के रूप में स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट की निंदा करते हुए उस पर वोटबैंक के विचारोंसे प्रेरित होने और एक निर्देशात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने का आरोप लगाया।विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक साप्ताहिक ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा, “हमने अमरीकी विदेश विभाग की ओर से 2023 के लिए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी रिपोर्ट जारी करने पर गौर किया है। पहले की तरह, रिपोर्ट गहराई से पक्षपातपूर्ण है, इसमें भारत के सामाजिक ताने-बाने की समझ का अभाव है, और यह स्पष्ट रूप से वोटबैंक के विचारों और एक निर्देशात्मक विचारधारा से प्रेरित है। इसलिए हम इसे अस्वीकार करते हैं। रणधीर जायसवाल ने तथ्यों के चयनात्मक उपयोगऔर पक्षपातपूर्ण स्रोतों पर निर्भरता के लिए रिपोर्ट की आलोचना की। उन्होंने कहा, “उत्पाद शुल्क अपने आप में आरोप-प्रत्यारोप, गलत बयानी, तथ्यों का चयनात्मक उपयोग, पक्षपाती स्रोतों पर निर्भरता और मुद्दों का एकतरफा प्रक्षेपण का मिश्रण है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट भारतीय कानूनों और विनियमों की वैधता पर सवाल उठाती है, जिसमें वित्तीय प्रवाह की निगरानी और अनुपालन सुनिश्चित करना भी शामिल है, जिसे भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक मानता है।