डीएलसी दर निर्धारण समिति की बैठक शुक्रवार को जिला कलक्टर अक्षय गोदारा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में जिले में भूमि पंजीयन के लिए डीएलसी दरों को तर्कसंगत बनाने पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श हुआ। जिले में डीएलसी दरों में बढ़ोतरी और हाईवे पर स्थित भूमि की डीएलसी दरों में वृद्धि की दरें प्रस्तावित की गई।
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि विकास कार्यों को गति तभी मिल सकती है जब राज्य सरकार की समेकित निधि बढ़े। इसके लिए भूमि के पंजीयन के लिए डीएलसी दरों का तर्कसंगत होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि डीएलसी दरें बढ़ने का लाभ यह है कि खातेदार या भू-स्वामी को उसकी भूमि का अच्छा मूल्य मिलता है, जो बाजार मूल्य के अनुपात में भी होता है। इसके अलावा यदि राज्य सरकार किसी खातेदार या भू-स्वामी की भूमि का अधिग्रहण करती है तो उसे समुचित मुआवजा मिलता है।
बैठक में केशवरायपाटन विधायक सीएल प्रेमी ने डीएलसी की दरों के पुर्ननिर्धारण को भू स्वामी के हित में बताया। इससे भू स्वामी को उचित मुआवजा भी मिल पाता है। बैठक में उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक कोटा कमल मीणा ने कहा कि डीएलसी पुर्ननिर्धारण होना जरूरी है। इससे किसानों को उनकी जमीन का वाजिब मूल्य मिल पाता है। साथ ही बैंक से भी अच्छा ऋण प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि क्रय-विक्रय में आम व्यक्ति को भी सहूलियत रहती है और राज्य सरकार को भी राजस्व प्राप्त होता है। डीएलसी दरों में बढ़ोतरी इसलिए की जाती है जिससे भूमि के बाजार मूल्य और पंजीयन मूल्य के अंतर को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि डीएलसी दरों के तर्कसंगत निर्धारण से मूल्य में विसंगतियां दूर होती हैं तथा राज्य सरकार को राजस्व हानि भी नहीं होती।
*यह होंगी वृद्धि की प्रस्तावित दरंे*
बैठक में इन्द्रगढ़, लाखेरी में स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे के सौ मीटर के दायरे में स्थित भूमि पर 20 प्रतिशत, आवासीय और व्यावसायिक के लिए 15 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति कृषि भूमि के लिए 30 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। इसी तरह केशवरायपाटन में स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे के सौ मीटर के दायरे में स्थित भूमि पर 20 प्रतिशत, आवासीय और व्यावसायिक के लिए 10 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति कृषि भूमि के लिए 20 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। इसके अलावा तालेडा में स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे के सौ मीटर के दायरे में स्थित भूमि पर 40 प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति कृषि भूमि के लिए 35 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। इसी तरह बूंदी नगर परिषद क्षेत्र में व्यावसायिक के लिए 15 से 30 प्रतिशत, कृषि के लिए 10 से 20 प्रतिशत, आवासीय के लिए 5 से 20 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई है।
नैनवां में स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे के सौ मीटर के दायरे में स्थित भूमि पर 45 प्रतिशत, इसी क्षेत्र में आवासीय और व्यावसायिक के लिए 40 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में स्थित कृषि भूमि के लिए 15 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। हाईवे से 100 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित भूमि के लिए 15 प्रतिशत वृद्धि प्रस्तावित की गई है। दबलाना में कृषि के लिए 15 से 25 प्रतिशत और आवासीय व व्यावसायिक के लिए 10 से 15 प्रतिशत, डाबी में कृषि भूमि के लिए 5 से 20 प्रतिशत, आवासीय के लिए 5 से 20 प्रतिशत, करवर में कृषि के लिए 15 से 25 प्रतिशत, आवासीय व व्यावसायिक के लिए 10 से 30 प्रतिशत की वृद्धि, काप्रेन में कृषि भू के लिए 5 से 30 प्रतिशत, आवासीय व व्यावसायिक 20 से 25 प्रतिशत, देई में कृषि भूमि के लिए 25 प्रतिशत व आवासीय भूमि के लिए 10 से 25 व व्यावसायिक के लिए 35 प्रतिशत वृद्धि, रायथल में कृषि के लिए 0 से 30 प्रतिशत, स्टेट हाईवे पर आवासीय व व्यावसायिक के लिए 10 से 30 प्रतिशत, हिण्डोली में कृषि भूमि के लिए 15 से 30 प्रतिशत व आवासीय व्यवसायिक के लिए 10 से 15 प्रतिशत तथा नेशनल हाईवे पर 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि दर प्रस्तावित की गई