छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने सेम पित्रोदा को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पर पुनः बहाल किए जाने पर तीखा हमला बोला है। श्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के इस फैसले से कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र बेनकाब हो गया है।

प्रदेश के वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान विरासत टैक्स लगाने, रंगभेद आदि से जुड़े बयानों के मद्देनजर पद से हटाए गए राहुल गांधी के सलाहकार पित्रोदा को हटाया गया था, लेकिन अपने इस फैसले से पलटकर कांग्रेस नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके लिए देश के लोग नही सैम अंकल प्राथमिकता रखते है।पित्रोदा की बहाली ने कांग्रेस की उस विकृत राजनीतिक मानसिकता को भी साफ कर दिया है कि विरासत टैक्स, रंगभेद जैसे बयान कांग्रेस की सोची- समझी साजिशाना रणनीति के तहत दिए गए या दिलाए गए, और विवाद के चलते वोट बैंक के डैमेज कंट्रोल के लिहाज से पित्रोदा को हटाने का काम किया लेकिन अब यह आईने की तरह साफ हो गया है कि ये बयान कांग्रेस का आधिकारिक स्टैण्ड ही है।

प्रदेश के वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के तमाम बयान बहुत ही सोचे-समझे होते हैं ताकि समाज में अलगाव और घृणा फैले। ये बयान चुनावी नफे-नुकसान को ध्यान में रखकर दिए जाते हैं, फिर दिखावे के लिए कार्रवाई करने के बाद निर्लज्जतापूर्वक पद पर बहाल किया जाता है। श्री कश्यप ने कहा कि पित्रोदा की तरह ही, जज बनाने का झांसा देकर दुष्कर्म करते कैमरे में कैद हुए अभिषेक मनु सिंघवी को प्रवक्ता पद पद से से हटाने के बाद फिर उन्हें प्रवक्ता बना दिया गया। कांग्रेस के ये तमाम राजनीतिक फैसले देश की गरिमा, लोकतांत्रिक व सामाजिक मर्यादा पर गहरी चोट करने वाले हैं, जिसकी जितनी निंदा की जाए, कम ही है।