।। राजस्थान रोडवेज के झालावाड़ आगार ने भ्रष्टाचार के तोड़े कीर्तिमान, मुख्य प्रबंधक की मौजूदगी में उड़न दस्ता द्वारा बिना टिकिट यात्रा कराने की दी छूट।।

               झालावाड़ आगार की वाहन संख्या RJ 04 PA 4818 का दिनांक 24/05/2024 शुक्रवार को झालावाड़ से कोटा जाते समय निरीक्षण किया गया। वाहन में परिचालक खालीद हुसेन थे वाहन में 40 सवारी थी उसमें से 23 सवारी बगैर टिकट थी और 17 यात्रीयों ने टिकट ले रखा था। झालावाड़ आगार की उड़नदस्ता बोलेरो RJ14 UH -7563 जिसके चालक निसार अहमद की मौजूदगी में ये सब वाक्या हुआ। झालावाड़ आगार के मुख्य प्रबंधक श्री अतुल यादव (कालापेंट, सफेद शर्ट) तथा प्रबंधक यातायात श्री कुलदीप मेहर (पैरट कलर शर्ट) उड़नदस्ता वाहन में मौजूद थे। वीडियो में स्पष्ट रूप से एक एक यात्री के टिकिट प्रबंधक यातायात द्वारा चेक किए गए। मौके पर मिले 23 बिना टिकट यात्रीयो के ना तो टिकिट जारी करवाये गए और ना ही रिमार्क लगाया गया। वीडियो में समस्त घटनाक्रम रिकॉर्ड किया जा रहा था फिर मुख्य प्रबंधक द्वारा रिमार्क नहीं लगाए जाने से स्पष्ट है कि मुख्य प्रबंधक की ऊपर तक साठगांठ है। झालावाड़ आगार के मुख्य प्रबंधक अतुल यादव के विरुद्ध मुख्यालय में शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। लेकिन इतनी शिकायत है होने के बावजूद भी उनका कोई बाल बांका नहीं कर सका है। यह सर्वविदित है कि झालावाड़ आगार के मुख्य प्रबंधक अतुल यादव के संरक्षण में भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है। बस सारथी परिचालकों से 15 से 25000 रुपए प्रतिमाह की चौथ वसूली की जा रही है। मुख्य प्रबंधक द्वारा सरेआम चुनौती दी जा रही है कि कितनी भी शिकायत कर लो मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। भ्रष्टाचार के इस खुले खेल में रोडवेज के मुख्य प्रबंधक के अलावा बाहरी संगठित माफिया एवं असामाजिक तत्वों का भी हाथ है। जो बस सारथीयों को डरा धमका कर प्रतिमाह चौथ वसूली करते हैं। बिना टिकिट यात्रा करा रहे परिचालक के विरुद्ध भी कोई कार्यवाही अभी तक नहीं की गयी है।

       पूरे राजस्थान मैं वायरल इस वीडियो की रोडवेज कर्मचारियों में काफी चर्चा है तथा अब देखना यह है कि मुख्यालय द्वारा 

 मुख्य प्रबंधक,प्रबंधक यातायात एवं बोलेरो चालक एवं आरोपी परिचालक पर क्या कार्रवाई की जाती है। ऐसे तो इस सरकार में भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस की बात की जाती है लेकिन ऐसा लगता है रोडवेज में वर्तमान में भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं एक तरफ जहां रोडवेज के कार्यरत एवं सेवारत कर्मचारियों को वेतन, पेंशन के लाले पड़े हुए हैं वहीं 18 माह पूर्व रोडवेज कर्मचारियों के सेवानिवृति परिलाभों का भुगतान नहीं हुआ है ऐसी हालत में भ्रष्टाचार ने रोडवेज कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति नाजुक है।