भाजपा ने चुनावी संकल्प पत्र में प्रदेश में नई तबादला नीति लाने का वादा किया है। सत्ता में आने के बाद इस पर काम भी शुरू किया, इसका ड्रॉफ्ट भी तैयार हुआ, लेकिन ड्रॉफ्ट पर कैबिनेट की मुहर नहीं लग पाई। चर्चा है कि नई तबादला नीति में जनप्रतिनिधियों के डिजायर सिस्टम को शामिल नहीं किया गया है। यही बात जनप्रतिनिधियों को अखर रही है। विधायक चाहते हैं कि तबादलों में उनकी भी चले। हाल ही सत्ताधारी दल के विधायकों ने सीएम भजनलाल शर्मा के सामने अपनी बात भी रखी है। इसलिए नई तबादला नीति लागू करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। सरकार की मंशा होगी तो बाधाओं को हटाकर जल्द से जल्द लागू किया जा सकता है। नियुक्ति के बाद कर्मचारी का 3 साल से पहले तबादला नहीं होगा। हर कर्मचारी को सेवा में रहते हुए 2 साल ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना होगा।ट्रांसफर से पहले ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे। अधिकारी-कर्मचारी इच्छानुसार खाली पद के लिए ट्रांसफर आवेदन कर सकेंगे।