कोटा अमृत भारत योजना के तहत कोटा स्टेशन पर भी पुनर्विकास का कार्य चल रहा है। इस काम के लिए भारी भरकम मशीनें, क्रेन तथा ट्रैक्टर-ट्रॉली आदि वाहन तोड़-फोड और निर्माण के काम में जुटे हुए हैं। इन भारी वाहनों के लगातार आने-जाने से कई प्लेटफार्म लगभग पूरी तरह से टूट चुके हैं। कई जगह से फर्श धंस चुका है। धंसी जगहों पर मलबा डालकर भारी वाहनों को चलाया जा रहा है। इन भारी वाहनों से सबसे ज्यादा नुकसान प्लेटफार्म नंबर दो और तीन को हुआ है। इसमें भी तीन नंबर प्लेटफार्म की हालत सबसे गंभीर है। भारी वाहनों की लगातार आवाजाही से प्लेटफार्म पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं। रेल पटरियों की तरफ प्लेटफार्म का किनारा पुरी तरह धंस चुका है। वाहनों के लगातार दबाव से प्लेटफार्म और किनारे के बीच बड़ी दरार आ चुकी है। प्लेटफार्म पर चेकर टाइल्स लगा किनारा पटरी की तरफ झुकने लगा है। ऐसे में अगर समय रहते यहां मरम्मत का काम शुरु नहीं किया गया तो किनारे की तरफ का पूरा प्लेटफार्म कभी भी रेल पटरी पर गिर सकता है। ट्रेन के समय यात्रियों के दबाव से भी यह प्लेटफार्म ट्रैक की तरफ ढह सकता है। ऐसी स्थिति में यहां बड़ी संख्या में यात्रियों की जानमाल को खतरा हो सकता है।