मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 52 साल बाद मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला लिया। अभी तक मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्रियों का इनकम टैक्स राज्य सरकार अपने खजाने से भरती थी। इस पर करोड़ों रुपये का खर्च आता था। 52 साल से चली आ रही इस परंपरा को मुख्यमंत्री यादव ने पलट दिया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वर्ष 2024-25 के बजट का प्रस्तुतीकरण हुआ। इसमें किए गए प्रविधानों पर सहमति जताई गई। बैठक में बड़ा निर्णय यह लिया गया कि अब मंत्रियों का इनकम टैक्स राज्य सरकार नहीं स्वयं मंत्री भरेंगे। इस बैठक की जानकारी मंगलवार को कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी। उन्होंने बताया कि अभी तक सामान्य प्रशासन इनकम टैक्स भरता था।
बता दें कि प्रदेश में मंत्रियों की संपत्ति 18.54 करोड़ रुपये है, फिर भी इनका इनकम टैक्स राज्य सरकार भरती आ रही है। देश में मध्य प्रदेश समेत 6 राज्य हैं,जहां मंत्रियों का इनकम टैक्स राज्य सरकार भरती है। जिसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल है।