राज्यसभा में इस सत्र के दौरान कुछ अद्भुत संयोग बना है। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष हैं, तो वहीं भाजपा अध्यक्ष नेता सदन होंगे। हाल के वर्षों में यह पहली बार है जब राज्यसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष और नेता सदन कांग्रेस व भाजपा अध्यक्ष एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे। दोनों ही पार्टियों के अध्यक्ष राज्यसभा के सदस्य हैं। हालांकि, यह व्यवस्था लंबे समय तक नहीं चलेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पहले से ही राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। वहीं, भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा राज्यसभा में नेता सदन बनाए गए हैं। दरअसल, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल इसी माह पूरा होने जा रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही भारतीय जनता पार्टी को नया अध्यक्ष मिलेगा। ऐसे में जेपी नड्डा राज्यसभा में नेता सदन तो रहेंगे, लेकिन भाजपा अध्यक्ष नहीं होंगे। लेकिन बेहद कम दिनों के लिए ही सही, विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष जहां राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, तो सत्तारूढ पार्टी के अध्यक्ष नेता सदन होंगे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। मौजूदा सत्र में राज्यसभा के भीतर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का विरोध झेलना होगा। वहीं, विपक्ष के समक्ष भाजपा अध्यक्ष सरकार की उपलब्धि पेश करेंगे। जेपी नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता नामित किए जाने पर कांग्रेस ने भी उन्हें बधाई दी है।