राजस्थान के एक जिले में सोने की खदान का काम शुरू हो गया है। सरकार ने जिले के भूकिया-जगपुरा खनन ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर ली है। ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया में रतलाम की सैयद ओवैस अली फर्म को इसका लाइसेंस मिला है। राजस्थान का यह जिला देश के उन चुनिंदा स्वर्ण भंडार वाले चार राज्यों में शुमार हो गया है। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में यह देश के 25% स्वर्ण की आपूर्ति करेगा। प्रदेश के बांसवाड़ा जिले के घाटोल ब्लॉक में खदान के लिए दो ब्लॉक भूकिया-जगपुरा आवंटित किए गए थे। गत दिनों दोनों ब्लॉक के लिए स्वर्ण खनन के लिए लाइसेंस को लेकर देश की चार से अधिक बड़ी कंपनियों के बीच कड़ी स्पर्धा रही। जिसमें से रतलाम की सैयद ओवैस अली फर्म को इसका लाइसेंस मिला। राजस्थान के बांसवाड़ा में स्वर्ण खनन के लिए आवंटित दो ब्लॉक में से जगपुरा के लिए लाइसेंस दे दिया गया है। जबकि, दूसरे ब्लॉक कांकरिया गारा गोल्ड के कंपोजिट लाइसेंस के लिए 5 कंपनियां आई हैं। इसमें अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड, मुंबई की पोद्दार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम की ओवैस मेटल एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग लिमिटेड, उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और कानपुर की जेके सीमेंट लिमिटेड में प्रतिस्पर्धा हैं। भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक इस क्षेत्र में 940.26 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आरंभिक आंकलन किया गया है, जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है। कांकरिया गारा में 205 हेक्टेयर में 1.24 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क संभावित है।इन सोने की खदानों से सोने के साथ अन्य सह खनिज भी निकलेंगे। बांसवाड़ा जिले में स्वर्ण खनन से इलेक्ट्रॉनिक, पेट्रोलियम, पैट्रोकैमिकल्स, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अप्रत्याशित अवसर विकसित होंगे।

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