प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने से पहले कहा कि उनकी सरकार तीसरे कार्यकाल में सबको साथ लेकर चलते हुए तीन गुणा काम करना चाहती है। उन्होंने देश में 50 साल पहले लगाए गए आपातकाल को याद करते हुए उसे लोकतंत्र पर काला धब्बा बताया।  पीएम मोदी ने यहां संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है, लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है। इसलिए हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हर किसी की सहमति के साथ, हर किसी को साथ लेकर मां भारती की सेवा करें, 140 करोड़ देशवासियों की आशा आकांक्षाओं को परिपूर्ण करें। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में सबसे पहले पीएम मोदी ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली। वहीं, विपक्षी गठबंधन इंडियाकेंद्र सरकार को लगातार कई मुद्दों को लेकर घेर रहा है। वहीं कैबिनेट मंत्रियों राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान और मनोहर लाल ने 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा, कल 25 जून है। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, कल उसके 50 साल हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। संविधान के चिथड़े-चिथड़े उड़ा दिये गये थे। देश को जेलखाना बना दिया गया था। लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था। इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा जो 50 साल पहले की गई थी।