राजस्थान में बजट सत्र से पहले सीएम भजन लाल शर्मा ने अपनी टीम के मंत्रियों को अलग अलग जिलों का प्रभारी बनाया. मंत्रियों को जिला प्रभारी बनाने के पीछे जातीय और क्षेत्रीय गणित को साधा गया है. कारण साफ है आगामी दिनों में पांच विधानसभा उपचुनाव,पंचायती राज और निकाय के चुनाव होने है. लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद जिलों में मंत्रियों की तैनाती अहम घटनाक्रम है. जाहिर है मंत्री सत्ता और संगठन को जमीनी सियासी फीडबैक देने का काम करेंगे. लोकसभा चुनाव परिणाम बीजेपी के लिए राजस्थान में मुफीद नही रहे. लोकसभा चुनाव की रणनीति के मद्देनजर जमीनी फीडबैक पूरी तरह नेतृत्व तक नहीं पहुंच पाया था. लिहाजा नतीजे भी वैसे नही मिले. यही कारण है जिला प्रभारी मंत्रियों की तैनाती के पीछे जातीय क्षेत्रीय गणित का विशेष ध्यान रखा गया है. टीम भजन लाल के मंत्री अपने अपने जिलों में जल्द प्रभार संभाल लेंगे. इनकी क्षमताओं का सीएम भजन लाल शर्मा समय समय पर रिव्यू करेंगे. प्रभार जिलों के मंत्रियों के लिए सबसे अहम रहेगा सरकार की बजट घोषणाओं और पार्टी के संकल्प पत्र को अपने अपने प्रभार क्षेत्रों में अम्लीजाम पहनाना साथ ही राजनेतिक इनपुट ऊपर तक पहुंचाना. काम आसान नहीं है. नए बने जिलों के रिव्यू से उपजे हालात को संभालना बेहद कठिन टास्क रहने वाला है.