साधारण सभा (बोर्ड बैठक) आयोजित किए जाने की मांग सहित अन्य मांगों को लेकर उप महापौर फरीदुद्दीन कुरैशी, सोनू ने आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर के कमरे के बाहर धरना दिया जमकर नारेबाजी की। कई बार पत्र लिखने, शिकायत दर्ज कराने के बाद भी जब कोई जवाब नहीं आया तो आक्रोशित कांग्रेस पार्षद आयुक्त से मिलने गए और उनके चैंबर के बाहर धरने पर बैठक गए। सोनू कुरैशी ने कहा कि शहर में चुनाव के बाद आचार संहिता हट गई लेकिन लोगों के काम नहीं हो रहे। बजट नहीं होने का बहाना बनाया जा रहा है और लोगों को परेशान किया जा रहा है। आए दिन पार्षदों के पास समस्याएं आ रही है, लोग घरों पर समस्या लेकर आ रहे हैं, अधिकारियों से कहते हैं तो वह काम नहीं कर रहे। सोनू कुरैशी ने कहा कि इससे पूर्व कई बार आयुक्त को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन उनका जवाब नहीं आ रहा। नगर निगम कोटा उत्तर में गत साधारण सभा (बोर्ड बैठक) का आयोजन 13 फरवरी 2024 को किया गया था, जो कि बजट बैठक थी। जिसमें सदस्यों द्वारा अपने-अपने वार्डो की समस्याओं का निराकरण नहीं करवा पाये थे। वर्तमान में लोकसभा चुनाव सम्पन्न हो चुके है और आदर्श आचार संहिता भी समाप्त हो चुकी है। सदस्यों द्वारा कई बार साधारण सभा (बोर्ड बैठक) को आयोजित करवाने के लिए कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही जिसके बाद यह धरना दिया गया है। 

- आचार संहिता खत्म होने के बाद भी ढके हुए हैं शिलापट्ट

विधानसभा चुनाव 2023 की आदर्श आचार संहिता के दौरान हटाए गए व ढक दिए गए शिला पट्टो को पुन: स्थापित करने की मांग की गई है। इसके लिए कई कांग्रेस पार्षद कई बार मांग कर चुके लेकिन अधिकार टस से मस नहीं हो रहे। राजस्थान में विधानसभा आमचुनाव 2023 की आदर्श आचार संहिता के दौरान कोटा शहर में हुए विकास, निर्माण कार्यों से सम्बंधित शिला पट्टों को ढक दिया था। वर्तमान में लोकसभा चुनाव 2024 भी समाप्त हो गए है, जिसके उपरान्त भी निर्माण कार्यों के शिलापट्टों को पूर्व की भांति नहीं किया गया है। उप महापौर सोनू कुरैशी ने आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर को पत्र लिखकर शिलापट्टों को पूर्व की भांती किए जाने की मांग की थी, लेकिन उसके बाद भी अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। भाजपा सरकार आते ही लोगों के काम होना बंद हो गए हैं और कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि जिन शिलापट्टों को ढक दिया गया था उन्हें खोला जाए और जहां लगाए जाने हैं वहां लगाए जाए। पार्षदों का कहना है कि ना तो नाले साफ हो रहे हैं ना ही ठीक से सफाई हो रही है, सड़के खोद दी जो नहीं भरी जा रही, उप महापौर की गाडी नहीं दी जा रही, सडकों पर रात को अंधेरा रहता है, लाइटे नहीं जलती, आवारा मवेशियों का आतंक है, स्ट्रीट डोग के कई लोग शिकार हो चुके हैं, शहर में अव्यवस्थाओं का आलम है ओर प्रशासन आंख बंद कर बैठा है, लेकिन हम जनता को परेशान नहीं देख सकते और किसी भी हद तक जाना पडेÞ समस्याओं का समाधान करवाकर रही रहेंगे।