पानी व बिजली की नियमित जलापूर्ति व 24 घंटे बिजली देने की सरकार की घोषणाओं पर अमल करें लापरवाह अधिकारियों की बदली करे।  बूंदी शहर की सभी पेयजल व्यवस्था ठप्प पड़ी है कांग्रेस राज के लगे सहायक कनिष्ठ अभियंता, कनिष्ठ अभियंता जानबूझकर शहर में पेयजल संकट पैदा करके भाजपा सरकार के जनप्रतिनिधियों सामने जनता का आक्रोश बढ़ाने के लिए नई चाल चली है डिपार्टमेंट में यही हाल है बिजली विभाग में भी यही हाल है निचले स्तर के अधिकारी बिगाड़ रहे हैं व्यवस्था राजस्थान सरकार बजट पास करने में लगी है केंद्र सरकार अपने संसद सत्र शुरू करने में लगी है केंद्र और राजस्थान सरकार का ध्यान कहीं और होने के कारण जनता के बीच ऐसी स्थिति पैदा करना एक सोची समझी चाल है। तहसील में पटवारी तहसीलदार सब अपने मनमर्जी के हिसाब से जनता के कामों पर उदासीन हो रहे हैं। कोटा में जनप्रतिनिधि जनता के साथ जुड़े हुए रहते हैं उनके हर दुख सुख में साथी बनकर काम करते हैं जबकि बूंदी जिले में तो तीनों विधनसभा के जनप्रतिनिधियों की हार होने के कारण जनता के बीच उनके आम जन समस्याओं के प्रति रुचि नहीं निभा रहे हैं। बून्दी शहर पानी और बिजली से त्राहि-त्राहि हो रहा है। जबकि जागरुक पार्षद जलदाय विभाग के निक्कमे अधिकारियों खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कम दबाव से पानी की सप्लाई देने के साथ ही पानी की सप्लाई में भी भेदभाव बरतना इनका रोज का काम हैं। दूसरी और टैंकर से पानी भी आम जनता तक समय पर नहीं पहुंच पा रहा है। पानी का टैंकर से भी पूरे शहर में बढ़ती पानी की मांग के कारण उनकी पूर्ति करना संभव नहीं है। पिछली भाजपा सरकार में पेयजल व्यवस्था के माहौल प्रबंधन के लिए शहर में हर इलाके में हर पानी की टंकी के नीचे पानी का बोरिंग लगाया हुआ है जिससे पानी की टंकी भरकर नियमित सप्लाई शहर में सभी को दे सकते हैं। मगर जलदाय विभाग के अधिकारी मांगली नदी के पंप हाउस मोटर जलने आदि का बहाना करते हे जिसके कारण पानी का सप्लाई नहीं हो पा रहा है यह रेट शब्द है।