नई दिल्ली। देश की सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दूसरे देशों को देने के मामले में ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। लेकिन अब इस मामले में एक बड़ी बात सामने आई है। दरअसल पाकिस्तानी जासूसों ने निशांत अग्रवाल के लैपटॉप को हैक करने के लिए तीन ऐप्स का इस्तेमाल किया था और उसके लैपटॉप से अहम डेटा चुराया था जिसमें गोपनीय जानकारी थी।जांच अधिकारी ने बताया कि निशांत अग्रवाल पाकिस्तानी महिला सेजल से बात करता था और 2017 में उसने कई लिंक भेजे थे, जिस पर निशांत ने क्लिक किया था, इसके बाद उसके लैपटॉप में तीन ऐप्स क्यूव्हिस्पर, चैट टू हायर और एक्स-ट्रस्ट इंस्टॉल कराए गए थे। यूपी-एटीएस के जांच अधिकारी पंकज अवस्थी ने बताया कि ये सभी ऐप एक मैलवेयर थे जिनसे देश की सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारी चुराई गई।
फेसबुक अकाउंट बनाकर हनी ट्रैप में फंसाया
यूपी-एटीएस के जांच अधिकारी पंकज अवस्थी ने अपने बयान में कहा कि निशांत को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए 'सेजल' नाम की महिला ने एक फेसबुक अकाउंट बनाया था जो पाकिस्तान से ऑपरेट होता था। इस फेसबुक अकाउंट का इस्तेमाल करके उसने पाकिस्तानी गुर्गों के साथ कई भारतीय रक्षा कर्मचारियों को को टारगेट किया करते थे।
चैट से पता चला कि 'सेजल' उस समूह का हिस्सा थी जो भारतीय रक्षा कर्मचारियों को धोखा देने के लिए डेटा और टिप्स साझा करता था। आगे अवस्थी ने अदालत को बताया कि सेजल के निर्देश पर, निशांत अग्रवाल ने उसके द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक किया था और 2017 में अपने निजी लैपटॉप पर तीन ऐप इंस्टॉल किए थे। उन्होंने जांच में दावा किया गया है कि ब्रह्मोस मिसाइल से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज उसके निजी कंप्यूटरों पर पाए गए, जो बीएपीएल के सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन है।