राजस्थान के डीग-मेवात इलाके में वर्ष 2019 के बाद से साइबर ठगी के मामले एक कोराना वायरस की तरह फैले हैं. यहां हर गांव के युवा पीढ़ी वर्ग के लोग साइबर ठगी के एक्सपर्ट बन चुके हैं. आज उन्होंने इसे ही रोजगार बना लिया है. हालांकि अब साइबर ठगी की रोकथाम के लिए राजस्थान पुलिस ने सख्त तेवर अपना लिए हैं. आईजी राहुल प्रकाश ने ऑपरेशन एंटीवायरस की शुरुआत की है, जिसके तहत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कई ठगों को पकड़कर सलाखों के पीछे डाल दिया है. इतना ही नहीं, ठगी की कमाई से बनाई गई उनकी संपत्ति पर भी अब बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है. साइबर ठगों के ऊपर शिकंजा कसने के लिए कामा थाना पुलिस ने गांव लेवडा के 12 लोगों को चिन्हित करके एक लिस्ट जारी की है. कामा उपखण्ड अधिकारी से इन सभी की संपत्ति से संबंधित रिकॉर्ड मांगा है. इस रिकॉर्ड के आधार पर ही कार्रवाई करते हुए पुलिस आरोपियों के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई करेगी. अभी हाल में ही नगर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले गांव बनेनी ढोकला में साद पुत्र रसीद साइबर ठगी के रुपयों से सरकारी जमीन पर चार दुकानें बनाईं थी, जिस पर पुलिस और प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए नियमानुसार जेसीबी का पीला पंजा चलाकर दुकानों को ध्वस्त किया था. कामा थाने के लेवड़ा गांव की अभी तक 12 साइबर ठगों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में इंसाफ पुत्र नजामुद्दीन, आविद पुत्र हमीद, मुफ्फी पुत्र सव्वु, अज्जी पुत्र रहीश, वाजिद पुत्र सहाबुद्धिन, साहिल पुत्र आमींन, अरसद पुत्र सोराप , सद्दाम पुत्र सुवददी, भोपा पुत्र आस मोहम्मद, मुकीम पुत्र कुर्री, जहीर पुत्र अब्दुल्ला, सेकुल पुत्र नसरू का नाम शामिल है. अधिकारियों ने बताया कि उपखण्ड अधिकारी से मिली रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपियों की वैध और अवैध संपत्ति का पता लगाया जाएगा. उसके बाद उसे नोटिस जारी किए जाएंगे. तब अगर आरोपी या उसके परिजन कोई ऐसा सबूत दे पाते हैं जिसमें वो निर्माण वैध साबित होता है तो उसे लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा, वरना अवैध निर्माण पर बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी.