राजस्थान में भाजपा 11 लोकसभा सीटों पर चुनाव हार गई. 11 सीटों पर हार के कारण जानने के लिए बीजेपी ने मंथन कर एक रिपोर्ट तैयार की. रिपोर्ट को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पीएम मोदी को सौंप दी. इसके बाद भाजपा के दिग्गज नेताओं के दिल्ली दौरे से प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं. राजस्थान के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया दोनों नेताओं को हार का सामना करना पड़ा था. आमेर विधानसभा से सतीश पूनिया चुनाव हार गए थे. कांग्रेस के प्रशांत शर्मा से हार का सामना करना पड़ा. चूरू जिले के तारानगर विधानसभा सीट से राजेंद्र सिंह राठौड़ लड़े थे. राजेंद्र सिंह राठौड़ को हार का सामना करना पड़ा था. विधानसभा चुनाव हारने के बाद राजेंद्र सिंह राठौड़ और सीतश पूनिया दोनों नेता साइड लाइन चल रहे हैं. अचानक दोनों नेताओं के दिल्ली दौरे से सियासत गरमा गई है. सियासी चर्चा है कि ये प्रदेश संगठन में बदलाव के आहट हैं. ये भी कायस लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में बीजेपी के हार का एक बड़ा कारण जाट और राजपूत की नाराजी भी माना जा रहा है. सतीश पूनिया जाट हैं और राजेंद्र राठौड़ राजपूत नेता हैं. दोनों को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी भाजपा के शीर्ष अलाकमान दे सकते हैं. गुजरात बीजेपी के दिग्गज नेता पुरुषोत्तम रूपाला ने लोकसभा चुनाव के दौरान राजपूत समाज को लेकर एक बड़ा बयान दिया था. पार्टी ये मान रही है की भाजपा को इसका नुकसान राजस्थान में उठाना पड़ा.ऐसे में भाजपा राजस्थान में राजपूत और जाट को दवज्जों देने में जुटी है. राजस्थान में राजेंद्र राठौड़ राजपूत का बड़ा चेहरा हैं.