स्थानांतरण नीति बनाकर तृतीय श्रेणी शिक्षकों सहित शिक्षा विभाग में जल्द तबादले हो शुरू
राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक संपन्न
शिक्षक व शिक्षाधिकारियों की चार सत्रों से पदोन्नतियां नहीं होने एवं 20 हजार अधिशेष चल रहे शिक्षकों का समायोजन नहीं होने पर जताया आक्रोश
बून्दी। बुधवार को राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक प्रदेश शेरसिंह चौहान की अध्यक्षता और अखिल राजस्थान कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा के मुख्यातिथ्य में संपन्न हुई। प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक शिक्षक व शिक्षाधिकारियों की चार सत्रों से पदोन्नतियां नहीं होने एवं 20 हजार अधिशेष चल रहे शिक्षकों के समायोजन नहीं होने पर आक्रोश जताया।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पिछली सरकार की अनदेखी के चलते शिक्षा विभाग का पूरा ढांचा बिगड़ा हुआ पड़ा है। पिछले तीन चार सत्रों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक की पदोन्नतियां नहीं होने से प्रदेश के स्कूलों में हजारों वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता व शिक्षा अधिकारियों के पद रिक्त होने से एक जुलाई से शुरू हो रहे नए सत्र में विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य प्रभावित होगा ,वही बिना सक्षम अधिकारियों के प्रदेश के अधिकतर शिक्षा अधिकारी कार्यालयों की व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं।
प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में 20 हजार से अधिक शिक्षक एक साल से अधिशेष चल रहे हैं, लेकिन उनका समायोजन नहीं किया जा रहा है। प्रदेश में हजारों शिक्षकों को तीन से चार महीने से वेतन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने कहा कि पिछले 6 सालों से तबादला नीति बनाने और लागू करने के नाम पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं कर सबसे बड़े शिक्षक संवर्ग की अनदेखी की जा रही है जिसे अब और बर्दास्त नहीं कर जल्द राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जायेगा ।
इन बिन्दुओं पर हुई चर्चा
जिलाध्यक्ष गोपाल लाल मीणा और संघ के प्रवक्ता नारायण सिंह ने बताया कि जल्द ही मुख्यमंत्री ,शिक्षामंत्री एवं शीर्ष अधिकारियों से मिलकर शिक्षक संवर्ग की वर्षों से रुकी हुई डीपीसी कराने, राज्य में शिक्षकों की पारदर्शी तबादला नीति बनाकर डिजायर सिस्टम समाप्त कराकर जल्द सभी श्रेणी के शिक्षकों के स्थानांतरण शुरू करने, बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम के लिए शिक्षकों को मिड डे मील ,दूध वितरण, बीएलओ सहित सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने, न्यायालय प्रकरणों का निस्तारण होने तक वरिष्ठ अध्यापक ,व्याख्याता, वाइस प्रिंसिपल डीईओ को तदर्थ पदोन्नति देने, ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों को 10 फ़ीसदी विशेष ग्रामीण भत्ता देने, युवा एवं प्रतिभाशाली शिक्षकों को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले इसके लिए उप प्रधानाचार्य के वर्तमान सेवा नियमों में संशोधन कर 50 फीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जाने के प्रावधान लागू करने, शिक्षक व कर्मचारियों को 8,16 ,24 व 32 वर्षीय सेवा पर पदोन्नति पद का चयनित वेतनमान दिए जाने, शिक्षक संवर्ग की लंबे समय से चली आ रही वेतन विसंगति दूर कर केंद्र के समान तृतीय श्रेणी शिक्षकों की ग्रेड पे 4200 वरिष्ठ अध्यापक की 4800 तथा व्याख्याता की 5400 कर पे रिवाइज करने तथा वर्ष 2006 से 08 के मध्य नियुक्त तृतीय श्रेणी शिक्षकों और प्रबोधक के देय मूल वेतन 11 हजार 170 रुपए की विसंगति को दूर कर मूल वेतन 12 हजार 900 निर्धारित कराने की मांगों पर चर्चा की गई। बैठक में विजय कुमार शर्मा, बालाराम चौधरी, राजेंद्र सिंह राठौड़, शंभू सिंह मेड़तिया, सत्येंद्र सिंह यादव, सीताराम शर्मा, गोपाल मीणा, सुख लाल मीणा, गजानंद सुमन, जबरीलाल प्रजापत, हरीसिंह गुर्जर, सज्जन सिंह यादव, सतीश जैन, रूपलाल मीणा, नंदलाल मील, स्वरूप सिंह शक्तावत, मुकेश मीणा, राहुल गुर्जर, भेरू लाल कलाल सहित प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी एवं विभिन्न जिलों के जिलाध्यक्ष जिला मंत्री मौजूद रहे। बैठक की कार्यवाही का संचालन प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने किया।
ओपीएस को यथावत रख शिक्षक कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए
बैठक में अखिल राजस्थान कर्मचारी संयुक्त महासंघ प्रदेश अध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा ने कहा कि किसी भी लोक सेवक के लिए पेंशन बुढ़ापे का सहारा होती है। ऐसे में केंद्र सरकार को पूरे देश में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर राज्य में इसे यथावत रखने, आगामी बजट में आठवें वेतन आयोग की घोषणा करने तथा लंबे समय से चली आ रही शिक्षक कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर कर केंद्र के समान वेतन मान देने की मांग रखी ।