राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अपने इस्तीफे वाली बात पर बुरे फंस गए हैं. विपक्ष की ओर से लगातार उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. सोमवार को मंत्री मीणा ने अपने इस्तीफे के सवाल पर संस्कृत के तीन शब्द कहकर बातों को टाल गए. इसके अलावा जब उनसे सरकारी गाड़ी छोड़ने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ जवाब न देकर कहा कि मेरी आदत, मेरी गाड़ी है. दरअसल, कैबिनेट मंत्री किरोणी लाल मीणा ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि कन्हैया लाल मीणा के हारने पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा. जब 4 जून को घोषित हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम में कन्हैयालाल की हार हुई तो और किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे की मांग तेज हो गई. यहां तक विपक्ष ने भी उनके इस्तीफे को लेकर उन्हें जमकर घेरा. इस्तीफे की मांग को लेकर जारी राजनीति के बीच रविवार को उन्होंने कहा कि वह राजस्थान के कृषि मंत्री हैं और प्रदेश को कृषि क्षेत्र में आगे ले जाने की वह पूरी कोशिश करेंगे. इससे पहले 15 जून को माउंट आबू में किरोड़ी लाल ने इस्तीफे के सवाल पर चुप्पी साधते हुए मुंह पर अंगुली रख लिया. बता दें कि 4 जून के बाद से किरोड़ी लाल मीणा विभाग जाना छोड़ चुके हैं. उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ी भी छोड़ दी है. अब जब सोमवार को एक बार फिर से किरोड़ी लाल मीणा से इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने संस्कृत के 3 शब्द बोलकर बातों को टाल दिया. उन्होंने अपने इस्तीफे के सवाल पर मुंह पर उंगली रखकर कहा, "मौनं स्वीकृति लक्षणम्". वहीं, सचिवालय जाने के सवाल पर मंत्री बोले- आज छुट्टी है, कल देखेंगे. सरकारी गाड़ी छोड़ने पर किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मेरी आदत में है, मैं सरकारी गाड़ी कम और अपनी गाड़ी का ज्यादा इस्तेमाल करता हूं, क्योंकि मेरी गाड़ी की मुझे आदत है.