राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या 5 दिसंबर को हुई थी. उनकी हत्या घर पर हुई जब उन्हें गोली मारा गया था. वहीं इस मामले की जांच NIA की टीम कर रही है. वहीं हत्याकांड के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ बताया गया था. हालांकि अब तक इस हत्याकांड पर जांच चल ही रही है. लेकिन इस हत्याकांड से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिसके तहत इस केस से जुड़े हेड कांस्टेबल का प्रमोशन ASI में होने के बाद जांच के घेरे में आ गया है.सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड मामले में जांच के दौरान कथित रूप से हेड कांस्टेबल जुगल की विशेष भूमिका निभाई थी. जिसके बाद उन्हें ASI में प्रमोशन दिया गया था. लेकिन इस प्रमोशन के मामले में विभागीय जांच में त्रुटि का खुलासा हुआ है. दरअसल गोगामेड़ी हत्याकांड के बाद कुछ सूटर पकड़े गए थे. जिसे पुलिस की उपलब्धि बताई गई थी. इस मामले में पुलिस मुख्यालय ने गैलेंट्री के लिए कुछ पुलिसकर्मियों का नाम भेज था. लेकिन इस सूची में हेड कांस्टेबल जुगल का नाम शामिल नहीं था. वहीं, कथिततौर पर गोगामेड़ी केस में हेडकांस्टेबल की भी विशेष भूमिका मानी गई. इसके बाद उसका नाम प्रमोशन की लिस्ट में डाला गया. वहीं प्रमोशन मिलने के बाद कुछ पुलिसकर्मियों ने इस प्रमोशन को अवैध बताते हुए DGP और सीएम को चिट्ठी लिखी गई. वहीं जब विभागीय जांच हुई तो पता चला कि हेड कांस्टेबल जुगल के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज है. ऐसे में आपराधिक मामला दर्ज होने के पर किसी पुलिसकर्मी को प्रमोशन मिलना अवैध माना जाता है. जांच में इस बात का पता चलने पर पुलिस हेडक्वाटर की ओर से ASI की ट्रेनिंग कर रहे जुगल को ट्रेनिंग सेंटर से वापस बुला लिया गया है.बताया जाता है कि विभागीय जांच में पता चला है कि जुगल के खिलाफ साल 2021 में चोमू थाना में मामला दर्ज किया गया था. इस मामला अब भी चल रहा है. वहीं इस मामले में सीकर एसपी की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है. बताया जा रहा है कि हेड कांस्टेबल के प्रमोशन मामले में सीकर एसपी को लेटर भेजा गया था. वहीं एसपी ने जुगल के बारे में पूरी जानकारी पता किये बिना ही लेटर को अप्रूव कर वापस मुख्यालय भेज दिया गया. इस वजह से हेड कांस्टेबल जुगल को ASI में प्रमोशन दिया गया था. मुख्यालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में सीकर एसपी के खिलाफ दुराचार की रिपोर्ट भी भेजी गई है.