बाड़मेर लोकसभा सीट बीजेपी बुरी तरह से हार गई. भाजपा तीसरे नंबर पर रही. मंथन में ये बात सामने आई की विधानसभा और लोकसभा चुनाव में रविंद्र सिंह भाटी को नजरंदाज करना भारी पड़ा गया. भाजपा में भीतरघात भी हार की वजह रही. राजपूत और जाट वोटर बीजेपी से नाराज थे. इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा. दोनों वोटर भाजपा से खिसक गए. पार्टी में कुछ नेता बाहर से भाजपा के साथ थे. लेकिन, अंदर से रविंद्र सिंह भाटी को सपोर्ट कर रहे थे.  राजस्थान में भाजपा को 11 लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा. 25 लोकसभा सीट में से केवल 14 ही सीटों  पर जीत मिली. भाजपा को इतने खराब प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से रिपोर्ट मांगने के बाद जयपुर में पार्टी मुख्यालय में हार के कारणों पर चर्चा हुई. इस मंथन बैठक में सबसे अधिक चर्चा बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर करीब 2 घंटे तक चर्च हुई. भाजपा 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में बाड़मेर सीट पर जीत दर्ज की थी. इस बार भाजपा को करारी हार का सामना करनाा  पड़ा. भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी करीब 4 लाख 17 हजार वोटों ये यहां से चुनाव हार गए. कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल चुनाव जीते. निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी दूसरे नंबर पर रहे. 

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

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