देश में खुदरा महंगाई बढऩे की रफ्तार मई में थोड़ी सुस्त हुई और महंगाई 4.75% बढ़ी जो अप्रेल में 4.83% बढ़ी थी। पिछले महीने खाद्य महंगाई दर में भी मामूली कमी आई है और यह अप्रेल के 8.70% के मुकाबले मई में 8.69% बढ़ी। जबकि. विशेषज्ञ मई में खुदरा महंगाई 5त्न से अधिक खाद्य महंगाई 9त्न से अधिक बढऩे का अनुमान लगा रहे थे। हालांकि, अनाज, साग-सब्जियों और दाल की महंगाई अभी भी लोगों को सता रही है। सलाना आधार पर दाल की कीमतें 17% तो सब्जियों की कीमतें 27% बढ़ी हैं। खाद्य महंगाई दर बढऩे से जल्द ईएमआइ कम होने की उम्मीदें धुमिल होने लगी है। आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास कह चुके हैं कि केंद्रीय बैंक आगे के नीतिगत कदम पर तभी विचार कर सकता है जब उसे सकल मुद्रास्फीति यानी खुदरा महंगाई दर 4% पर स्थिर रहने का भरोसा हो। खाद्य महंगाई दर अभी भी 8.7% बढऩे से लोगों को अभी महंगे कर्ज और ऊंचे ईएमआइ से राहत नहीं मिलेगी। हालांकि, देश के औद्योगिक उत्पादन (आइआइपी) में जबरदस्त तेजी आई है। माइनिंग और बिजली क्षेत्र के बढिय़ा प्रदर्शन के कारण अप्रेल में देश का औद्योगिक उत्पादन 5% बढ़ा।