उम्मीद करती हूं देश के बड़े प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों से जुड़े नागरिक एक पक्ष के पैरोकार न होते हुए भारतीय संविधान द्वारा मिले समानता के अधिकार के दायरे में इस विषय पर न्यायोचित बात रखेंगे।
ये ख़बर उत्तरप्रदेश के कौशांबी जिला की हैं।
लगभग 2 जून के आसपास की ख़बर हैं।
लेकिन
अब चिंगारी से फैली ये ख़बर आग बन चुकी हैं, और बने भी क्यों न , इस देश में जहां संविधान सर्वोपरी हैं।
लोकतंत्र को बचाने की डींगे हांकी जाती हैं।
उसी देश में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से ये हकीकत उजागर होती हैं।
जबकि कानून के मुताबिक सभी को समानता के अधिकार मिले हैं।
कहां हैं समानता का अधिकार और कानून की पालना ?
जिस मस्जिद से खुदा की इबादत का रास्ता मिलता हो, वहां बैठकर एक आम इंसान का हुक्का पानी बंद करने का ऐलान मतलब खुद को खुदा समझना हैं क्या ?
ख़बर पढ़िए।
कौशाम्बी जिले के मंझनपुर तहसील के मुस्लिम बाहुल्य गांव में हिन्दुओं का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। हिन्दू पक्ष का आरोप है कि मुस्लिम परिवार के लोगों को मस्जिद से ऐलान कर हिन्दू परिवार की दुकान से सामान की खरीददारी व पानी न दिया जाय। ऐसा करने वाले व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जाएगा।
मस्जिद से जारी फतवे के बाद हिन्दू परिवार में दहशत का माहौल है। मुस्लिम पक्ष ने आरोप को खारिज कर अपनी निजी प्रयोग की वस्तुओ को किसी को न बांटने की बात स्वीकार की है।
इस पर एसडीएम आकाश सिंह के मुताबिक, गांव में सर्किल अफसर को भेज कर गांव के लोगों को भय मुक्त किया गया है। जो लोग भी इस तरह की हरकत में लिप्त हैं। उन पर अधिकतम मुचलके पर पाबंदी की कार्यवाही की जा रही है।
पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के जफरपुर महावा गांव में आधी आबादी मुस्लिम व आधी आबादी हिन्दू परिवार की है। पिछले 10 दिन से गांव में हिन्दू व मुस्लिम पक्ष तनाव में जीवन जी रहे हैं। विवाद का कारण मंदिर के बगल में मुस्लिम परिवार अपने घर का दरवाजा जबरन करना चाह रहा था। जिस पर हिन्दू परिवार के लोगों ने विरोध कर रोक लगाई। इस विवाद के चलते मुस्लिम समाज के लोगों ने एकत्रित होकर मस्जिद में बैठक कर ऐलान किया कि कोई मुस्लिम परिवार अपने घर व निजी संसाधनो से हिन्दू परिवार को पानी नहीं देगा। मुस्लिम समाज के लोगों के फतवा जारी होने के बाद हिन्दू परिवार के लोगों की दुकान से सामान की खरीददारी करने व निजी नलकूप से खेत को पानी दिये जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
हिन्दू पक्ष के छोटे लाल गुप्ता के मुताबिक, मंदिर के बगल में मुस्लिम परिवार का घर है। वह मंदिर की तरफ दरवाजा कर रहे हैं। उन्हे डर है कि मुस्लिम परिवार के घर होने वाले समारोह में मांस मटन का प्रयोग होता है। जिससे मंदिर के पास गंदगी फैलेगी। जिसके लिए मुस्लिम परिवार को दरवाजा खोलने से रोका गया। जिसका विरोध परिवार द्वारा किया गया। तहसील की राजस्व टीम ने भी मुस्लिम परिवार को दरवाजा करने से रोका गया। इस कार्यवाही से नाराज़ होकर मुस्लिम समाज के लोगों ने हिन्दू परिवार से रंजिश वश मस्जिद में बैठक कर फतवा जारी किया गया। फतवे के मुताबिक गांव का मुस्लिम समाज का कोई भी व्यक्ति हिन्दू परिवार की दुकान से कोई समान नहीं खरीदेगा और न ही कोई मुस्लिम व्यक्ति अपने निजी संसाधनो से हिन्दू पक्ष को खेत के लिए पानी देगा।