पिछले 15 वर्षों से भू माफिया के आगे पस्त प्रशासन
नैनवा उपखंड क्षेत्र में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के मामले प्रशासन के सामने आते रहे। मगर प्रदेश में राज बदला सरकारी कर्मचारी बदले मगर नहीं बदला तो कार्य शैली का रिवाज। चारागाह के मामलों में प्रशासन अतिक्रमणकारियों व भू माफिया के सामने हमेशा पस्त नजर आया।ऐसा ही मामला कोलाहेड़ा ग्राम पंचायत के रेटोदा से सामने आया। जहां पर पिछले 15 वर्षों से 1200 बीघा चरागाह भूमि में से 1000 बीघा चरागाह भूमि पर स्थानीय भू माफिया व अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है। जिसको अतिक्रमण मुक्त करवाने की मांग को लेकर ग्रामीण लगातार 15 वर्षों से प्रशासन को अवगत करवाते रहे।मगर प्रशासन व राजनेताओं द्वारा केवल कागजी व मौखिक खाना पूर्ति कर इति श्री कर ली। एक बार फिर कोलाहेडा पंचायत के स्थानीय ग्रामीण व नरेगा श्रमिको ने चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर उपखंड अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा एसडीएम व तहसीलदार को ज्ञापन देकर चारागाह अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की। चारागाह अतिक्रमण मुक्त न होने की सूरत में आंदोलन की चेतावनी दी।
जैसा कि मामले को लेकर ग्रामीणों ने बताया की गांव के ही कुछ रसूखदार राजनीतिक संरक्षण प्राप्त भू माफियाओं अतिक्रमणकारियों ने पिछले 15 वर्ष से चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है। क्षेत्र में तकरीबन 1200 बीघा चरागाह भूमि है। जिसमें से 1000 बीघा भूमि पर अतिक्रमणकारियो ने कब्जा कर रखा है।चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने की मांग को लेकर पिछले 15 वर्षों से लगातार प्रशासन और राजनेताओं को समय-समय पर अवगत करवाया गया।मगर झूठे आश्वासन और कागजी कार्यवाही के अलावा कुछ नहीं हुआ। अभी वर्तमान में उक्त क्षेत्र में नरेगा कार्य चल रहा था। जिसको अतिक्रमणकारियों द्वारा जबरदस्ती रोक दिया गया। इसके बाद स्थानीय ग्रामीण व नरेगा श्रमिक चारागाह को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर नैनवा पहुंचे। तथा एसडीएम कार्यालय व तहसील कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए चारागाह को मुक्त करवाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया।अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्यवाही न होने की सूरत में आंदोलन की चेतावनी दी।