केंद्र में मंत्रिमंडल गठन के बाद बीजेपी राजस्थान में बड़े बदलाव की तैयारी में है. लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद यह माना जा रहा है कि वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी प्रदेश की सोशल इंजीनियरिंग में फिट नहीं बैठ रहे हैं. ऐसे में उन्हें जल्द पद से हटाकर किसी नए चेहरे को जिम्मेदारी दी जा सकती है. अटकलें लगाई जा रही है कि ओबीसी वर्ग के किसी नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है. राजस्थान में बीजेपी के अध्यक्ष पद के लिए कई नामों की चर्चा चल रही है. इनमें राज्यसभा सदस्य मदन राठौड़, राजेंद्र गहलोत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया एवं प्रभुलाल सैनी के नाम की भी चर्चा है. बताया जा रहा है कि इनमें से किसी एक नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जाएगा. केंद्र में एनडीए सरकार में राजस्थान के चार सांसदों को जगह मिली है. पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को मंत्री बनाया जाएगा. दुष्यंत झालावाड़-बारां संसदीय क्षेत्र से लगातार पांचवीं बार सांसद बने है. लेकिन PM Modi ने दुष्यंत सिंह की तुलना में गजेंद्र सिंह शेखावत को तवज्जो दी है. सियासी जानकार इसके अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के चलते भजनलाल शर्मा पद से हटाए जा सकते हैं. वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सक्रिय राजनीति में वापसी हो सकती है.