RSS on BJP Lost। भले ही तीसरी बार मोदी सरकार बन चुकी है, लेकिन इस बार भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में नाकाम रही। उत्तर-प्रदेश समेत कई राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। 2019 में 303 सीटें जीतने वाली पार्टी इस बार 240 सीटों पर ही सिमट गई। पार्टी के रिजल्ट पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कड़ी टिप्पणी की है।
जनता की आवाज नहीं सुन रहे थे भाजपा कार्यकर्ता: आरएसएस
आरएसएस ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की अति आत्मविश्वास की वजह से ऐसे परिणाम सामने आए हैं। आरएसएस के मुखपत्र 'ऑर्गनाइजर' में छपे लेख में लिखा गया कि पार्टी के कार्यकर्ता जनता की आवाज सुनने की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैन फॉलोइंग की चमक का आनंद ले रहे थे।
चुनाव रिजल्ट भाजपा के लिए रियलिटी चेक: रतन शारदा
आरएसएस ने ये भी कहा कि भाजपा के नेता चुनावी सहयोग के लिए 'स्वयंसेवकों' तक नहीं पहुंचे। वहीं, भाजपा ने उन कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी जो जमीन पर काम कर रहे थे। वहीं, पार्टी ने उन कार्यकर्ताओं पर भरोसा जताया जो 'सेल्फी' के सहारे प्रचार कर रहे थे। आरएसएस मेंबर रतन शारदा ने लेख में आगे लिखा,"यह चुनाव परिणाम भाजपा के लिए एक 'रियलिटी चेक' है।"
महाराष्ट्र में भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश: आरएसएस
लेख में आगे लिखा गया कि भाजपा ने महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो गई। महाराष्ट्र अनावश्यक राजनीति की गई। एनसीपी (शरद गुट) के पार्टी में जुड़ने से भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश था। राज्य में भाजपा की ब्रांड वैल्यू कम हो गई है।
किसी भी नेता का नाम लिए बिना शारदा ने कहा कि भाजपा में कई उन कांग्रेसी नेताओं को शामिल किया गया, जिन्होंने 'भगवा आतंक' का हौवा बनाया था। वहीं, 26/11 मुंबई आतंकी हमले को आरएसएस की साजिश करार दिया था।