लगातार बेहतर होती सड़कों के कारण लोग अब अपनी कार से ही लंबी दूरी की यात्रा करना पसंद करते हैं। लेकिन कई बार इस सोच में पड़ जाते हैं कि State Highway National Highway और Expressway में क्‍या अंतर होता है। अगर आपको भी इसकी जानकारी नहीं है। तो आइए जानते हैं कि इनमें किस तरह का फर्क होता है।

भारत के अधिकतर राज्‍यों में पिछले कुछ सालों में काफी तेजी से सड़कों में सुधार हुआ है। जिसके बाद लोग हवाई यात्रा और ट्रेन के सफर के साथ ही अपनी कार से भी लंबी दूरी की यात्रा करना पसंद करते हैं। State Highway, National Highway और Expressway में क्‍या अंतर होता है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।

State Highway

अपने नाम के मुताबिक ही स्‍टेट हाइवे सिर्फ किसी एक राज्‍य के अंदर बनाए जाते हैं। इनके जरिए एक ही राज्‍य के दो शहरों को आपस में जोड़ा जाता है। इनको बनवाने में आने वाला खर्च भी राज्‍य सरकार की ओर से ही वहन किया जाता है। अगर इस पर टोल टैक्‍स लिया जाता है तो उसे भी राज्‍य सरकार की ओर से लिया जाता है। इन पर स्‍पीड लिमिट और अन्‍य व्‍यवस्‍थाएं भी राज्‍य सरकार की ओर से ही दी जाती हैं। कई राज्‍यों में स्‍टेट हाइवे पर स्‍पीड

National Highway

स्‍टेट हाइवे से अलग नेशनल हाइवे का निर्माण केंद्र सरकार के सड़क राज्‍य एवं परिवहन मंत्रालय की मंजूरी के बाद किया जाता है। भारत में इस तरह के हाइवे को सामान्‍यत: नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया की ओर से बनाया और देख-रेख की जाती है। नेशनल हाइवे किसी एक राज्‍य में नहीं बनाए जाते, बल्कि इनके जरिए कई राज्‍यों को जोड़ा जाता है। आमतौर पर नेशनल हाइवे पर वाहनों की स्‍पीड लिमिट 80 से 100 किलोमीटर तक होती है। इन पर लगे टोल बूथ को एनएचएआई की ओर से संचालित किया जाता है। नेशनल हाइवे को छह लेन का बनाया जाता है।