संपादक को पाठक के मन को पढ़ना आना चाहिएः आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी
स्वस्तिभूषण माताजी के सानिध्य में जैन पत्रकार महासभा का क्षेत्रीय अधिवेशन संपन्न

बून्दी। जिले के के.पाटन के मुनि सुव्रतनाथ अतिशय क्षेत्र में जैन पत्रकार महासंघ का रविवार को जैन पत्रकार महासभा का दूसरा अधिवेशन गणिनी अर्यिका 105 स्वस्तिभूषण माताजी के सानिध्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर माताजी ने कहा कि संपादक को पाठक के मन को पढ़ना आना चाहिए। जिस संपादक ने पाठक के मन को पढ़ लिया वह सफल संपादक माना जाएगा। पत्रकार को पत्रकारिता से पहले एक अच्छा विद्वान होना चाहिए। माताजी ने एक वृ़़क्ष का उदाहरण देते हुए बताया कि एक पौधे को जितनी गहराई में लगाया जाएगा उतना ही वह वृक्ष उंचाई को पकडे़गा। उसी प्रकार एक पत्रकार लिखने के पहले जितनी गहराई तक पहुंचेगा उतना ही उंचाई तक जाएगा। उसकी लेखनी को पाठक मन से पढ़ने का प्रयास करेगा। अध्यक्षीय उद्बोधन रमेश जैन तिजारिया ने कहा कि जैन पत्रकार निस्वार्थ सेवा करते हैं समाज के श्रेष्ठीगणों को इन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।
जैन गजट के सहसंपादक राजेन्द्र महावीर सनावद ने प्रिंट मीडिया के महत्व पर कहा कि इसमें छपा हुआ लेख एक दस्तावेज बन जाता है जो सैकड़ों वर्ष तक भी इतिहास के रूप में काम आता है। एक वक्ता भाषण देते समय कुछ भी गलती कर सकता है किंतु प्रिंट मीडिया विश्वनीयता के साथ लिखता है। इस अधिवेशन में सुनील संचय, अखिलेश जैन, चक्रेश जैन, मनीष जैन जहाजपुर, मंत्री उदयभान सिंह ने भी संबोधित किया।
इस अधिवेशन को सफल बनाने में के.पाटन अतिशय क्षेत्र के अध्यक्ष गुलाबचंद चूनेवाले, मुकेश जैन, चेतन जैन, नरेन्द्र गंगवाल, राजेन्द्र जैन वेद की बहुत महत्ती भूमिका रही। अधिवेशन का संचालन राकेश जैन चपलमन कोटा ने किया। कोटा महासंघ के जिलाध्यक्ष पारस जैन, बून्दी जिलाध्यक्ष महावीर सरावगी ने अंत में सबका आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व मुनि सुव्रतनाथ भगवान के सामने दीप प्रज्वलन किया तथा माताजी को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अधिवेशन में बूंदी जैन गजट संवाददाता रविन्द्र काला, कोटा के पत्रकार पारस जैन पार्श्वमणि, रामगंजमंडी के अभिषेक जैन लुहाडिया, भीलवाडा के जैन गजट संवाददाता प्रकाश पाटनी, कापरेन के गौरव पाटनी सहित पूरे भारत वर्ष से पत्रकारों ने भागीदारी निभाई।