भारतीय जनता पार्टी के सांसद और NDA संसदीय दल के नेता नरेंद्र मोदी आज शाम 7.15 बजे लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह से पहले मोदी ने संभावित मंत्रियों के साथ अपने आवास पर बैठक की। इस बैठक में बीजेपी के साथ ही सहयोगी दलों के नेता भी शामिल हुए. दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने वाले नरेंद्र मोदी को इस बार गठबंधन की सरकार चलानी होगी। ऐसे में कई अहम मंत्रालय भी सहयोगियों को देनी पड़ेगी। लेकिन बीजेपी नेतृत्व ने अपने दो सबसे बड़े सहयोगियों TDP और JDU के सामने दृढ़ता से अपनी बात रखते हुए सहयोगी दलों से कहा कि वह गठबंधन धर्म निभाएगी, लेकिन सिर झुकाकर सरकार नहीं चलाएगी। शायद इसीलिए भाजपा ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से जुड़े चारों मंत्रालय अपने पास रखने का फैसला किया है। बता दें कि कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी के अंदर गृह, रक्षा, वित्त और विदेश मंत्रालय आते है। किसी भी पार्टी के मजबूत सरकार के लिए इन चारों मंत्रालयों पर उसका कंट्रोल होना बहुत जरूरी होता है। यही मंत्रालय मिलकर सीसीएस का गठन करते हैं और सभी बड़े मामलों पर निर्णय लेते हैं। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति) सुरक्षा के मामलों पर निर्णय लेने वाली देश की सर्वोच्च संस्था होती है। प्रधानमंत्री इस कमेटी के अध्यक्ष होते हैं और गृह मंत्री, वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री इसके सदस्य। देश की सुरक्षा संबंधी सभी मुद्दों से जुड़े मामलों में अंतिम निर्णय कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी का ही होता है। इसके अलावा कानून एवं व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर भी सीसीएस ही अंतिम निर्णय लेता है। भाजपा चाहती है कि मोदी 3.0 में वे मंत्रालय अपने पास ही रखे जाएं, जो सरकार के रिपोर्ट दुरुस्त रखने के लिए जरूरी हैं। वह अपने सहयोगियों को फूड प्रोसेसिंग, भारी उद्योग, ऊर्जा, टेक्सटाइल, ग्रामीण विकास एवं पचायती राज जैसे अहम मंत्रालय देने की पक्षधर है।