उत्तर प्रदेश लखनऊ में,तीसरी बार यूपी रचेगा इतिहास राहुल गांधी के इस फैसले से।मालूम होकि जनपद लखनऊ में, लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न होने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में,नेता चुना जा चुका है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लोकसभा में विपक्ष का नेता चुनने की प्रक्रिया जारी है। एनडीए ने जहां सर्वसम्मति से यूपी स्थित वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी को अपना नेता और प्रधानमंत्री पद के लिए चुना है तो वहीं कांग्रेस में प्रस्ताव पास कर राहुल गांधी से आग्रह किया गया है कि वह लोकसभा में नेता विपक्ष का जिम्मा संभालें। अगर ऐसा होता है तो राहुल गांधी, अपने पिता और भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के नक्शे कदम पर चलते दिखेंगे। साल 1952 के बाद से आज तक दो बार ऐसा हुआ है जब देश का प्रधानमंत्री और लोकसभा में नेता विपक्ष एक ही राज्य से हो। साल 1969 तक लोकसभा में नेता विपक्ष को आधिकारिक दर्जा नहीं दिया जाता था।साल 1989 में ऐसा पहली बार हुआ जब देश के पीएम और लोकसभा में नेता विपक्ष एक ही राज्य से थे। जब 1989 के चुनाव में विश्वनाथ प्रताप सिंह ने देश के सातवें प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उस सरकार में वीपी सिंह की अगुवाई वाले जनता दल को भारतीय जनता पार्टी और सीपीआईएम ने बाहर से समर्थन दिया। हालांकि कांग्रेस उस वक्त सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और उसे 197 सीटें मिलीं थीं लेकिन तत्कालीन कांग्रेस नेता राजीव गांधी ने विपक्ष में रहने का फैसला किया। इतना ही नहीं वह खुद सदन में नेता विपक्ष रहे। राजीव गांधी 18 दिसंबर 1989 से 23 दिसंबर 1990 तक नेता विपक्ष रहे। एक ओर जहां वीपी सिंह यूपी के फतेहपुर से सांसद थे, तो राजीव गांधी अमेठी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इसके बाद साल 1999 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में एनडीए की सरकार आई तब यूपी के लखनऊ से सांसद चुने गए अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने। दूसरी ओर अमेठी से चुनाव लड़कर संसद पहुंची सोनिया गांधी ने नेता विपक्ष का जिम्मा संभाला। सोनिया गांधी ने 31 अक्टूबर 1999 से 6 फरवरी 2004 तक नेता विपक्ष का जिम्मा संभाला। वह पूरे पांच साल तक लोकसभा में कांग्रेस का नेतृत्व करती रहीं।कांग्रेस CWC ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालें. लोकसभा में संसदीय दल का नेता ही नेता विपक्ष होगा. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीती हैं। CWC ने राहुल गांधी से नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभालने का आग्रह करते हुए भी एक प्रस्ताव पारित किया। चूंकि राहुल वायनाड और रायबरेली दोनों से सांसद चुने गए हैं। ऐसे में अभी तक यह आधिकारिक जानकारी नहीं आई है कि वह कहां से सांसद रहने का अंतिम फैसला करेंगे। हालांकि जानकारों का दावा है कि यूपी में कांग्रेस के प्रदर्शन, आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर और मां सोनिया गांधी की सियासी विरासत को संभालने के लिए वह रायबरेली से सांसद रहेंगे। अगर राहुल, रायबरेली से सांसद रहते हुए लोकसभा में नेता विपक्ष का जिम्मा संभालेंगे तो यह ऐसा तीसरी बार होगा जब देश के प्रधानमंत्री और नेता विपक्ष का संसदीय क्षेत्र एक ही राज्य में होगा। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने CWC के प्रस्ताव पर कहा है कि वह इस पर विचार करेंगे।
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