केन्द्र में रविवार शाम सवा 7 बजे एनडीए सरकार रविवार को शपथ ले रही हैं. इसके साथ ही मंत्रिमंडल का भी गठन हो जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में राजस्थान से 3 सांसदों को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. इनमें गजेंद्र सिंह शेखावत, भागीरथ चौधरी और अर्जुनराम मेघवाल का नाम शामिल है. आइए आज आपको अर्जुनराम मेघवाल की सियासत की कहानी बताते हैं कि कैसे आईएएस अधिकारी से कानून मंत्री  तक का सफर तय किया. मेघवाल चौथी बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. अर्जुन राम मेघवाल ने बीकानेर सीट से जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस के गोविंद राम मेघवाल को 54 हजार से ज्यादा वोट से मात दी थी. अर्जुन राम मेघवाल को 5,61097 वोट मिले वोट मिले जबकि गोविंद राम मेघवाल को 5,06,588  को वोट मिले थे. इस सीट को अर्जुन राम मेघवाल का गढ़ कहा जा सकता है. वो बीकानेर सीट से लगातार साल 2009 से जीत हासिल कर रहे हैं. 2009 के लोकसभा चुनाव में  कांग्रेस के रेवत राम पंवार को हराकर वो बीकानेर से सांसद बने थे. इसके बाद उन्होंने 2014, 2019 और  2024 के लोकसभा चुनाव में अपने जीत को सिलसिला बरकरार रखा. कानून एवं न्याय मंत्री का पद संभाल चुके केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आईएएस की नौकरी छोड़ सत्ता का रास्ता चुना था. अर्जुन राम मेघवाल की राजनीति पारी शुरू करने की कहानी बेहद ही दिलचस्प है. उन्हें साल 1994 में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री का ओएसडी बनाया गया था. फिर अपने बेहतरीन काम के चलते वो कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गए और फिर एडीएम, आईएएस और जिला कलेक्टर भी हुए. जिला कलेक्टर के पद से रिटायरमेंट के बाद वो राजनीति में आए.उसके बाद वो बीजेपी में शामिल हुए.