बीजेपी (BJP) की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा( Nupur Sharma) का समर्थन करने वाले प्रतीक पवार पर हमले को लेकर आरोपियों पर आईपीसी (IPC) की नयी धारा लगाई गई. भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153ए (धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और सेक्शन 7 लगाया गया है. इससे प्रतीक पर हमले करने वालों की मुश्किल बढ़ गई है. दरअसल महाराष्ट्र के अहमदनगर के रहने वाले प्रतीक ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर और कन्हैयालाल के समर्थन में करने पर उन पर तलवार से हमला किया गया था.

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कब हुआ प्रतीक पर हमला?

प्रतीक पवार नामक युवक ने नूपुर और कन्हैयालाल के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. इसके बाद 15 लोगों ने 4 जुलाई की रात प्रतीक पर तलवार से हमला कर दिया था. मामले सामने आने के बाद पुलिस ने 5 जुलाई कोआरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कई लोगों को गिरफ्तार किया था. प्रतीक पर हुए हमले से स्थानीय लोग काफी गुस्से में थे. बता दें कि नूपुर के समर्थन को लेकर अमरावती जिले में उमेश कोल्हे की भी हत्या कर दी गई थी. ऐसा ही राजस्थान में टेलर कन्हैयालाल को भी जान से मार दिया गया था.

मामला कहां से शुरू हुआ?

आपको बता दें कि नूपुर शर्मा बीजेपी प्रवक्ता के तौर पर एक टीवी बहस में शामिल हुई थीं. इस दौरान उन्होंने कुरान का जिक्र करते हुए मोहम्मद साहब पर टिप्पणी कर दी. यह वीडियो सोशल वीडियो पर वायरल हो गया. कई मुस्लिम देशों ने इसको लेकर अपना विरोध दर्ज कराया. धीरे-धीरे यह विवाद बढ़ता गया. जिसको नूपुर के खिलाफ कई राज्यों में केस भी दर्ज हुए. इसके बाद यह मामला इतना बढ़ा कि कई लोगों को जान से मार दिया गया.