मानसून के दौरान बाढ़ या अतिवृष्टि से जान माल की क्षति से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपायों के सम्बन्ध में शुक्रवार को जिला कलक्टर अक्षय गोदारा ने जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा मानसून के दौरान विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए की गई तैयारियों की जानकारी ली। 

 बैठक में जिला कलक्टर ने नगर परिषद व नगर पालिका क्षेत्र के नालियों एवं नालों की सम्पूर्ण सफाई, जमीन के निकट रखे हुए विद्युत विभाग के ट्रांसफार्मरों को ऊँचा रखा जाने, पंचायत के अधीन बांधों व तालाबांे का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि उपखंड अधिकारी इन कार्यों की मॉनिटरिंग करें। सभी विभाग टीम भावना से कार्य करें। उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस लाइन से गुजर रहे नाले की अच्छी तरह सफाई करवाई जावे, ताकि जल भराव की समस्या नहीं हो। 

              उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मानसून से पहले नालों की सफाई करने व आवश्यक मरम्म्त करवाने के निर्देश दिए ताकि मानसून में पानी की बेहतर निकासी हो सके। उन्होंने अधिकारियों को समय रहते नदियों के किनारे बस्तियों को खाली करवाने और नदी-नालों के समीप खतरे के संकेत पट्ट लगाने के निर्देश भी दिए। आपातकालीन स्थिति से त्वरित निपटने के लिए स्थापित नियंत्रण कक्षों पर सूचनाएं समय पर उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के सभी आवश्यक उपकरण तैयार रखने को कहा ताकि आपातस्थिति में त्वरित कार्यवाही की जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि मानसून के समय जल जनित रोगों, सांप के काटने, दुर्घटना की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक दवाओं का भंडारण करें। आमजन को आपात स्थिति से निपटने के उपायों के बारे में जागरूक करें।   

            उन्होंने निर्देश दिए कि नगरीय क्षेत्रों तथा ग्राम पंचायत क्षेत्रों में स्थित बांधों, तालाबों को निरीक्षण कर सुरक्षा संबंधी उपायों का निरीक्षण। उन्होंने निर्देश दिए कि निरीक्षण के दौरान जन संसाधन विभाग से तकनीकी कार्मिक भी साथ रहकर बांध और तालाबों पर किसी तरह की तकनीकी कमी मिलने पर तुरंत उसे सही करवाया जावे। 

 उन्होंने निर्देश दिए कि जर्जर और क्षतिग्रस्त भवनों व इमारतों को चिन्हित कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें, ताकि किसी तरह की जनहानि नहीं हो। इस कार्य की उपखण्ड अधिकारी अपने क्षेत्रों मंे मॉनिटरिंग करें। इसके अलावा मानसून से पहले कार्यों के लिए सड़क काटने के बाद उसे तुरंत सही करवाया जावे। उन्होंने निर्देश दिए कि बिना अनुमति के सड़क काटने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावे। 

           उन्होंने विद्युत निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन स्थानों ढीले तार है, उन्हें खिंचवाया जावे। साथ ही विद्युत लाइनों पर पेड़ आदि होने पर उनकी छंटाई की जावे। उन्होंने निर्देश दिए कि बाढ़ और अतिवृष्टि होने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए स्थान का चयन कर लिया जावे। उन्होंने निर्देश दिए कि सीवरेज के ढक्कन कहीं भी खुले नहीं रहे। जल जमाव वाले क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही नहीं हो। 

 उन्होंने निर्देश दिए कि चिकित्सा विभाग वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम के उचित प्रबंध रखे। साथ ही एंटी स्नेक दवाईयों की सभी चिकित्सा संस्थानों में पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जावे। उन्होंने पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक को निर्देश दिए कि पशुओं के लिए दवाईयों की कमी नहंी हो तथा समस्या प्राप्त होने पर टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर उसका समाधान करें। 

 उन्होंने निर्देश दिए कि पंचायत क्षेत्रों में स्थित बांधांे का संबंधित विकास अधिकारियों द्वारा अवलोकन किया जावे और मरम्मत की जरूरत होने पर तत्काल उनकी मरम्मत का कार्य करवा लिया जावे। उन्होंने निर्देश दिए कि प्राकृतिक आपदा संबंधी प्रकरणों के मामले में तहसीलदार तीन दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे प्रकरणों मंे संवेदनशीलता के साथ त्वरित राहत देने का कार्य हो। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्षा ऋतु के दौरान सीईओ, एसडीएम एवं पुलिस के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर बेहतर समन्वय से कार्य करें। 

 बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिए कि जिले में स्थित पिकनिक स्पॉट, पानी के बहाव क्षेत्रों पर चेतावनी संकेतक लगाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि उपखण्ड स्तर पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के सभी प्रबंध रखे जावे। उन्होंने कहा कि तैराकों की सूची समय मोबाइल नम्बर संधारित रखें, ताकि आपात स्थिति में उनका सहयोग लिया जा सके। 

 बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर घनश्याम शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर सीलिंग नवरत्न कोली, मुख्य कार्यकारी अधिकारी दुर्गाशंकर मीणा, समस्त उपखंड अधिकारी एवं जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।