बाड़मेर जिले के जिला कारागृह में विचाराधीन कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में आखिरकार 40 घंटे बाद जेलर को सस्पेंड करने और डॉक्टर को एपीओ करने पर शव उठाने को लेकर सहमति बन गई. बाड़मेर की पुलिस लाइन में करीब पौने 5 घंटे तक लंबी चली बैठक में सीएमओ ने सिवाना से बीजेपी के विधायक हमीरसिंह भायल, चौहटन विधायक आदुराम मेघवाल, बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह खारा समेत स्थानीय नेताओं और जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार, संभागीय आयुक्त को वार्ता के लिए भेजा था. इस बैठक में निर्दलीय विधायक रविंद्रसिंह भाटी भी मौजूद थे. आखिरकार जेल के जेलर राजेश डूकिया को सस्पेंड करने और मृतक का इलाज करने वाले डॉक्टर ओ.पी डूडी को एपीओ करने की मांग पर शव उठाने और धरना समाप्त करने की सहमति बन गई. दरअसल, बाड़मेर के जिला कारागृह में विचाराधीन कैदी जयसिंह को कुछ दिन पहले ही चिकन पॉक्स हो गया था. आरोप है कि इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई. जयसिंह की मौत के बाद से ही मृतक के परिजन, समाज के लोग और शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी जेल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे थे. धरनार्थियों की मांग थी कि जेल के दोषी अधिकारियों और संबंधित डॉक्टर पर कार्यवाई की जाए. साथ ही धरनार्थियों ने जेल प्रशासन पर जेल के अन्य कई कैदियों को भी चिकन पॉक्स होने के बाद भी इलाज नहीं करवाने का आरोप लगाया था. अन्य कैदियों को चिकन पॉक्स बीमारी से संक्रमित होने का खुलासा तब हुआ जब जेल प्रशासन ने 4 बंदियों को बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया. सूत्रों के मुताबिक जेल के 13 कैदी चिकन पॉक्स से संक्रमित हैं. जिन्हें अस्पताल लाया जाना है. जयसिंह की मौत के बाद अब अन्य चिकन पॉक्स के मरीजों को बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज मिल रहा है. सीएमओ के प्रतिनिधित्व मंडल की ओर से सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने वार्ता सफल होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि इस मामले में जेल के जेलर की बहुत बड़ी लापरवाही रही है. सीएम साहब ने उदारता बरती है. जेल के जेलर को सस्पेंड करने और डॉक्टर को एपीओ किया जाएगा. जो दोषी है, उसे बक्शा नहीं जाएगा और पीड़ित परिवार को राहत दी जाएगी. जो बीमारी से पीड़ित है उनका उपचार भी अस्पताल में चल रहा है. जेलर की वजह से इतने लोग बीमार हो गए. सरकार इस मामले में गंभीर है.