ड्रोन इंटरनेशनल एक्सपो के आयोजकों नेक्सजेन एक्जीबिशन द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत का एआई मिशन भारतीय ड्रोन क्षेत्र के विकास को काफी बढ़ावा देगा। सर्वेक्षण 11 शहरों - दिल्ली गाजियाबाद नोएडा पुणे हैदराबाद बेंगलुरु अहमदाबाद मुंबई चेन्नई गुरुग्राम और कोयंबटूर में 150 से अधिक ड्रोन निर्माण और सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों पर किया गया

बीते कुछ महीनों में एआई लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है। ऐसे में हर क्षेत्र में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। फिलहाल एक नए सर्वे में पता चला है कि ड्रोन तकनीक के साथ एआई का एकीकरण क्षमताओं, दक्षता और ऑपरेशनल इंटेलिजेंस जैसे ऑटोनोमस नेविगेशन, रियल टाइम डेटा प्रोसेसिंग और एडवांस एनालिसिस को बढ़ा सकता है।

ड्रोन इंटरनेशनल एक्सपो के आयोजकों नेक्सजेन एक्जीबिशन द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत का एआई मिशन भारतीय ड्रोन क्षेत्र के विकास को काफी बढ़ावा देगा।

150 से अधिक ड्रोन का निर्माण

सर्वेक्षण 11 शहरों - दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, गुरुग्राम और कोयंबटूर में 150 से अधिक ड्रोन निर्माण और सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों  पर किया गया।  इसके अलावा  इसने भारत के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी और नवाचार में वैश्विक नेता बनने की क्षमता पर प्रकाश डाला, जो भारतीय ड्रोन क्षेत्र में वर्तमान रुझानों, चुनौतियों और भविष्य के अवसरों का अवलोकन प्रदान करता है।

बता दें कि भारत एआई मिशन, एक महत्वाकांक्षी सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करना है, जो भारतीय ड्रोन उद्योग के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक बनने के लिए तैयार है।

एक बयान में कहा गया है कि ड्रोन तकनीक के साथ एआई का एकीकरण क्षमताओं, दक्षता और ऑपरेशनल इंटेलिजेंस जैसे कि ऑटोनोमस नेविगेशन, रियल टाइम डेटा प्रोसेसिंग और एडवांस एनालिसिस को बढ़ा सकता है।

ड्रोन क्षेत्र के लिए गेम चेंजर है Ai

नेक्सजेन प्रदर्शनी के निदेशक आधार बंसल ने बयान में कहा कि सर्वे ने एक मजबूत घरेलू मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम विकसित करने के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। भारत एआई मिशन और अन्य अनुकूल सरकारी नीतियां भारतीय ड्रोन क्षेत्र के लिए गेम चेंजर हैं।

बंसल ने कहा  क तकनीकी नवाचार और घरेलू विनिर्माण के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देकर, भारत वैश्विक ड्रोन बाजार में अग्रणी बनने की राह पर है। भाग लेने वाली कंपनियां पिछले कुछ वर्षों में अनुकूल नीतियों को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखती हैं, जिससे घरेलू विनिर्माण क्षमताओं में वृद्धि और क्षेत्र के भीतर रोजगार सृजन की उम्मीद है।