राजस्थान की सियासत में पांच साल बाद फिर नकारा, निकम्मा, गद्दार जैसे शब्दों की गूंज सुनाई दी है, जिनका इस्तेमाल इस बार भी पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने किया है. कांग्रेस नेता के इस बयान पर अब राजनीति शुरू हो गई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गहलोत के इस बयान को सचिन पायलट  से जोड़कर कांग्रेस को निशाने पर ले रहे हैं, और प्रदेश में हुए 'कुर्सी के खेल' की याद दिला रहे हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने एक्स पर गहलोत के बयान वाला वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना. अशोक गहलोत साहब, आप जिन नेताओं के खिलाफ लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वो कभी कांग्रेस पार्टी में सबसे ज्यादा आपके ही करीबी हुआ करते थे. तत्समय उनकी पॉलिटिकल परफॉर्मेंस भी आपको खूब भाती थी. अब आप कांग्रेस की देश विरोधी विचारधारा को त्यागकर देशहित में भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के लिए अपनी डिक्शनरी में से नकारा, निकम्मा, गद्दार, पीठ में छुरा घोंपने वाला जैसे शब्दों का उपयोग कर रहे हैं. पूर्व में पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष व विगत कांग्रेस सरकार में उप-मुख्यमंत्री को भी आपने इन्हीं शब्दों से अलंकृत किया था. जिसका ही नतीजा रहा कि कांग्रेस सरकार 5 साल सत्ता में रहने के दौरान सिर्फ किस्सा कुर्सी के खेल में लगी रही. मैं पुनः दोहरा रहा हूं - सबसे बड़े "नॉन परफॉर्मिंग असेट" और लाइबिलिटी कांग्रेस के युवराज ही हैं. जिस पर 4 जून को चुनाव परिणाम के बाद मुहर भी लग जायेगी.' राजस्थान में गरमाई मुस्लिम आरक्षण को लेकर सियासत पर जब गहलोत अपनी प्रतिक्रया दे रहे थे, इस दौरान पत्रकारों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं पर उनका पक्ष जानना चाहा. इस पर गहलोत ने कहा, उनके बारे में तो कमेंट मुझसे मत कराओ. वे अवसरवादी नेता थे. अब उन्हें नॉन परफॉर्मिंग कह दो, निकम्मे कह दो, नकारा कह दो, गद्दार कह दो, ये तमाम शब्द भाई बहन हैं. इनका इस्तेमाल इन्हीं के लिए होता है. जो गद्दारी करता है वो गद्दार है ही. डिक्शनरी में तो यही सत्य है. उन्होंने अच्छा नहीं किया. 5 साल उन सभी ने राज किया. लेकिन जब संकट आया तो चले गए छोड़कर. ये वक्त अभी काम करने का. नेता उससे बनता है. मैं आपके सामने खड़ा हूं.'