प्रदेश में दो चरणों में चुनाव सम्पन्न होने के साथ भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश पदाधिकारियों और मंत्रियों को अलग अलग राज्यों में चुनावी प्रचार की जिम्मेदारी तय की. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ दोनों डिप्टी सीएम को भी हिंदी भाषी राज्यों में चुनाव प्रचार की कमान सौंपी. इस जिम्मेदारी के दौरान डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने 4 राज्यों में 22 जनसभा, रैली और संवाद कार्यक्रम की तो, प्रेमचंद बैरवा ने तीन राज्यों में 22 जनसभा और रैली के जरिए भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में वोट मांगा. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने 6 दिन में 4 राज्यों में 22 जनसभा, रैली के जरिए भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया. पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने दीया कुमारी ने पुणे, पूर्वी दिल्ली , पश्चिमी दिल्ली, नई दिल्ली, हिमाचल और हरियाणा में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी थी. दीया कुमारी ने अपनी जनसभा और रैलियों को जरिए कांग्रेस को निशाने पर ही नहीं बल्कि आंकड़ों के साथ कांग्रेस सरकार के समय के विकास कार्यों और पीएम मोदी के दस साल के काम काज पर बहस की खुली चुनौती भी दी थी. इतना ही नहीं पार्टी नेतृत्व ने दीया कुमारी को राजपूत बाहुल्य लोकसभा क्षेत्रों में प्रचार की विशेष बड़ी जिम्मेदारी भी दी थी. दीया कुमारी ने बाहरी राज्यों में प्रवासी राजस्थानियों के साथ भी सम्मेलन किये थे. वहीं डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने 1 मई के बाद से तीन राज्यों में 22 जनसभा और रैली की. इसमें दिल्ली की अलग अलग लोकसभा में 20 जनसभा और रैली की तो, हरियाणा और पंजाब में एक - एक सभा की. प्रेमचंद बैरवा की ज्यादातर सभाएं दलित बाहुल्य क्षेत्रों में कराई गई. भाजपा की कोशिश थी कि प्रेमचंद के जरिये दलित समाज में एक संदेश देकर वोट बैंक पर पकड़ मजबूत की जाए.