पूरा राजस्थान इस समय भीषण गर्मी से झुलस रहा है. 25 मई से नौतपा की शुरूआत हो चुकी रही है.  इस दौरान प्रचंड गर्मी रहेगी और पारा कुछ जगह 50 डिग्री के भी पार जा सकता है. वहीं बीते दिन राजस्थान में भीषण गर्मी से 9 लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को फलोदी देश का सबसे गर्म जिला था. साथ ही आने वाले दिनों के लिए प्रदेश में भीषण गर्मी का रेड अलर्ट जारी किया हुआ है. मौसम विभाग की पहले दी गई जानकारी के मुताबिक, राजस्थान में इस बार मानसून 25 से 30 जून के आस-पास  एंट्री करने की सभांवना है. लेकिन इस तारीख में बदलाव के आसार भी है. वहीं अगर तय समय पर बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा तो प्रदेश में भयंकर गर्मी से राहत मिलेगी. फिलहाल, मौसम विभाग की ताजा जानकारी के अनुसार राज्य के दक्षिण-पूर्वी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. जो चक्रवाती परिसंचरण से मध्य प्रदेश के मध्य भागों से होते हुए झारखंड तक फैली हुई है, जिससे कहीं- कहीं कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ और चित्तौड़गढ़ जिले के पूर्वी भागों में छुटपुट बारिश की फुहारें पड़ सकती है. लेकिन बाकि राजस्थान के हिस्सों में अगले 72 घंटों में भीषण लू की स्थिति पैदा हौ सकती है. वहीं, अगर बात करें  शुक्रवार के तापमान की तो जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार शुक्रवार को फलोदी 49 डिग्री सेल्सियस के साथ राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा. जैसलमेर में अधिकतम तापमान 48.3 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 48.2 डिग्री, जोधपुर में 47.6 डिग्री, कोटा में 46.7 डिग्री, गंगानगर में 46.6 डिग्री, बीकानेर में 45.8 डिग्री, चूरू में 44.8 डिग्री और राजधानी जयपुर में 42.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अन्य स्थानों पर अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया. इसकी के साथ आगामी चार दिनों में राज्य के अनेक स्थानों पर हीट वेव से तीव्र हीटवेव (अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस ) और कहीं कहीं उष्ण रात्रि का दौर जारी रहने की प्रबल संभावना जताई गई है. प्रदेश में गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया हैं. वहीं अब 25 मई से उत्तर भारत में नौतपा की भी शुरूआत हो चुकी है. इसी के साथ सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी और कम हो जाएगी.  जिससे  9 दिन सूरज की तपिश काफी ज्यादा महसूस होगी. जो 2 जून तक रहेगी. हालांकि, माना जाता है कि नौतपा में जितनी तेज गर्मी पड़ती है, आगे मानसून उतना ही अच्छा सक्रिय रहता है. इसी कारण से नौतपा को मानसून की दस्तक भी माना जाता है.