आधार पर 12 अंकों का एक नंबर लिखा होता है जो भारत के नागरिकों के लिए एक ही बार जारी किया जाता है। यानी जब आप पहली बार आधार कार्ड बनवाते हैं तो आपकी बायोमैट्रिक डिटेल ली जाती है। जिसके बाद इस डिटेल पर एक 12 अंकों का नंबर जारी किया जाता है। एक बार जारी हुआ आधार नंबर सिर्फ एक नागरिक के लिए ही होता है।
आधार कार्ड (Aadhaar Card) सरकार की तरफ से जारी किया जाने वाला एक अहम दस्तावेज है। इसके बिना सिम कार्ड खरीदने से लेकर बैंक में अकाउंट खुलवाने तक कुछ भी नहीं किया जा सकता। तमाम सरकारी और गैरसरकारी योजनाओं का लाभ लेने में इसकी जरूरी भूमिका होती है। आधार कार्ड से जुड़े लोगों के जेहन में कई सवाल होते हैं।
जैसे कि आधार पूरी लाइफ में कितनी बार बनवाया जा सकता है और उसमें नाम, डीओबी चेंज करने की लिमिट कितनी होती है या फिर आधार खो जाने की स्थिति में क्या करना होता है। सबकी जानकारी यहां देने वाले हैं।
कितनी बार बनवा सकते हैं आधार कार्ड?
आधार पर 12 अंकों का एक नंबर लिखा होता है, जो भारत के नागरिकों के लिए एक ही बार जारी किया जाता है। यानी, जब आप पहली बार आधार कार्ड बनवाते हैं तो आपकी बायोमैट्रिक डिटेल ली जाती है। जिसके बाद इस डिटेल पर एक 12 अंकों का नंबर जारी किया जाता है। एक बार जारी हुआ आधार नंबर सिर्फ एक नागरिक के लिए ही होता है।
इसका मतलब है कि आधार संख्या पूरे जीवन में किसी भी नागरिक के लिए सिर्फ एक ही बार जारी की जाती है। भले ही बाद में आप उसमें नाम बदलवाएं या फिर फोटो। आधार में कुछ गलती होने पर बदल जाता है। लेकिन एक बार जारी किया गया आधार नंबर हमेशा के लिए वही रहता है। आधार कार्ड सिर्फ एक बार ही बनवा सकते हैं। लेकिन उसमें बदलाव करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं।
आधार अपडेट को लेकर नियम
आधार कार्ड जारी करने वाली संस्था UIDAI ने दस्तावेज के सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए अपडेट को लेकर कुछ नियम बनाएं हैं। जैसे कि डेट ऑफ बर्थ कितनी बार बदल सकते हैं। या फिर एड्रेस या नाम बदलने को लेकर क्या नियम है।
डेट ऑफ बर्थ: आधार कार्डधारक पूरे जीवन में सिर्फ एक बार जन्मतिथि में बदलाव करवा सकता है। पहली बार जब उसने आधार बनवाया था तब की गलत हुई डीओबी को सिर्फ एक बार चेंज करवाने का मौका मिलता है।
अगर दूसरी बार में भी DOB गलत हो जाती है तो आपके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। क्योंकि डीओबी तीसरी बार चेंज करवाने के लिए कोई नियम नहीं है।
नाम: पूरे जीवन में केवल दो बार यूआईडीएआई के द्वारा नाम बदलने की अनुमति दी गई है।
एड्रेस- चूंकि एड्रेस बहुत से लोगों का बदलते रहता है। इसलिए इसे लेकर Uidai ने सख्त नियम नहीं बनाया है। एड्रेस कितनी भी बार चेंज किया जा सकता है।
जेंडर- जेंडर बदलवाने की लिमिट केवल एक बार ही तय की गई है।