राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म होने के बाद अब इसी बात पर सभी की निगाहें है कि प्रदेश में कौनसा दल ज्यादा सीटें पाने में कामयाब होगा? पिछले दो लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए गठबंधन ने सभी 25 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि कांग्रेस खाली हाथ रह गई. हालांकि इस बार कांग्रेस का दावा है कि पार्टी कई सीटों पर जीत हासिल करेगी. वहीं, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी इसे लेकर दावा कर दिया है. प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी के लिए अपने दम पर 370 सीटें हासिल करना असंभव है और अनुमान जताया कि पार्टी को लगभग 300 सीटें मिलें. इस बार लोकसभा चुनाव के संभावित नतीजों पर पीके ने राय रखते हुए कहा कि साल 2019 के चुनावों में भाजपा ने अपनी 303 सीटें कहां हासिल की थी. इनमें 250 सीटें उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों से आईं. ऐसे में मुख्य सवाल यह है कि क्या भाजपा को इन क्षेत्रों में जरूरी नुकसान (50 या अधिक सीटें) का सामना करना पड़ रहा है? उन्होंने कहा कि फिलहाल बीजेपी के पास पूर्व और दक्षिण राज्यों में करीब 50 लोकसभा सीटें हैं. माना जा रहा है कि पूर्व और दक्षिण क्षेत्रों में भाजपा की हिस्सेदारी 15-20 सीटों पर बढ़ने की उम्मीद है, जबकि पार्टी को उत्तर और पश्चिम में कोई खासा नुकसान नहीं होगा. वहीं, राजस्थान में सीटों को लेकर पीके ने जो कहा, वह बीजेपी को जरूर राहत देने वाला है. प्रशांत किशोर के मुताबिक राजस्थान और हरियाणा में बीजेपी को 2 से 5 सीटों का नुकसान ही हो सकेगा. यानी कांग्रेस के नेता राजस्थान में जिस डबल डिजिट सीटों का दावा कर रहे हैं, कहीं ना कहीं पीके का अनुमान उसके उलट है.

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