शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक और बाड़मेर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी सोमवार को जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव पहुंचे। यहां उन्होंने महिलाओं और स्थानीय लोगों से पूरी घटना की जानकारी ली। साथ ही यहां के लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिलाया। बता दें कि पिछले गुरुवार को प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश पर यहां अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी। हालांकि, पहले दिन मचे बवाल के बाद दूसरे दिन ही जोधपुर हाईकोर्ट ने अपने आदेश पर रोक लगा दी थी।रविंद्र सिंह भाटी ने पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान महि​लाएं अपनी व्यथा बयां करते हुए रो पड़ी। भाटी ने कहा कि वो गांववालों की मदद करने के लिए आए हैं। उनसे जो भी बन पड़ेगा, वो यहां के गांववालों के लिए करेंगे। राजनीति करने वालों पर तंज कसते हुए ​रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि यहां आने से चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। मेरा लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर है और मैं जालोर लोकसभा क्षेत्र के इस गांव में सिर्फ ग्रामीणों की मदद के लिए आया हूं। 36 कौम को मैं अपना मानता हूं और सभी के मुद्दे को लेकर हमेशा लड़ता रहूंगा।उन्होंने कहा कि अगर किसी के घर की दीवार टूटती है तो वो लोगों के लिए सिर्फ दीवार होगी। लेकिन, घर के मालिक के लिए वो आशियाना होता है। आज वो टूटता है तो किसी के पास शब्द नहीं होंगे। यहां पर भी ऐसा ही देखने को मिला है। जब ​महिलाएं अपनी व्यथा बयां कर रही थी तो उनका गला भर गया था और आंखों में आंसू थे। ऐसे में मैं सरकार से यही क​हूंगा कि सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पैरवी कर मौके पर स्थिति को स्पष्ट करें और भूमि के हस्तांतरित के नियम अपनाए। जिससे लोगों को राहत मिल सके।बता दें कि ओड़वाड़ा में हाईकोर्ट के आदेश पर गुरुवार को हुई कार्रवाई के दौरान कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा था, तब 70 से अधिक अतिक्रमण हटाए गए थे। लेकिन, कार्रवाई के दूसरे दिन भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने गांव पहुंचकर हालाता जाने थे। कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ओडवाड़ा ने कहा था कि जो नुकसान हो चुका उसकी भरपाई तो नहीं कर सकते, लेकिन आगे यह नुकसान नहीं होगा। वहीं, कांग्रेस के जालोर-सिरोही लोकसभा प्रत्याशी वैभव गहलोत भी ओडवाड़ा पहुंचकर ग्रामीणों रूबरू हुए थे।