राजस्थान के भीलवाड़ा को कोटड़ी में 3 अगस्त को नाबालिग के साथ दो लड़को ने गैंगरेप कर कोयले की भट्टी में जिंदा फैकने के मामले में शनिवार को पोस्को कोर्ट की आदालत ने फैसला सुनाया है. इस केस में मजिस्ट्रेट अनिल गुप्ता ने  भट्टी कांड में शामिल के दो मुख्य आरोपी सगे भाइयों को दोषी माना हैं. इसी के अन्य सात को बरी कर दिया गया है. फिलहाल इस मामले में आरोपियों को कितनी सजा हुई इसे अभी सुरक्षित रख लिया गया है. मामले की अगली सुनवाई  सोमवार को होगी.   बता दें कि इस कोर्ट में सुनवाई के दौरान नाबालिग के साथ हुए इस बर्बरतापूर्ण अपराध को जघन्यतम अपराधों की श्रेणी में माना गया था. पुलिस ने इस मामले की चार्जशीट 30 दिन के अंदर कोर्ट में पेश की थी. जो की 473 पेज की है. इसी मामले पर शनिवार यानी आज भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट संख्या-2 अपना पकड़ें गए सभी 11 आरोपियों पर फैसला सुनाने वाली थी,. जिसपर सबकी निगाहें टिकी हुई थी. मामला 2 अगस्त को भीलवाड़ा के कोटड़ी के शाहपुरा इलाके का था, जिसमें एक नाबालिग के साथ कालबेलिया जाति के दो लड़के कालू और कान्हा ने उसके साथ दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया था. तथा बच्ची को अछेत करने के लिए उसके सर पर लाठी मारकर उसे बेहोश करने के बाद जिंदा  कोयले की भट्टी में झोंक दिया था. मां बाप के  जरिए बच्ची को ढूंढने पर बारिश में भट्टी से धुआ उठनती हुआ दिखाई दिया था. जिसपर  अनहोनी होने का आभास हुआ,पास जाकर भट्टी में देखा तो सबी के होश उड़ गए. भट्टी के पास लड़की  के कपड़े , चप्पल और कड़े पाए गए. साथ ही भट्टी में झांकर देखा तो उसमें से कुछ हड्डियां भी मिली थी. इस मामले की जांच भीलवाड़ा के पुलिस उपाधीक्षक श्याम सुंदर बिश्नोई ने की थी. जिसकी माॉनीरिटरिंग एडीजी क्राइम दिनेश एमएन और अजमेर रेंज आईजी लता मनोज ने की थी. उन्होंने इस केस में मुख्य आरोपी कान्हा, कालू समेत 9 लोगों को आरोपी बनाए हैं  जिसमें आरोपियों की पत्नी, बहन, मां और पिता अन्य लोगों को आरोपी बनाया था.