राजस्थान में नेता और अधिकारी के बीच शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ओसियां की पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा और जोधपुर ग्रामीण पुलिस के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा हैं. धनारी कलां में गाड़ी तोड़ने के आरोपियों के खिलाफ चार मामले दर्ज करने को लेकर पूर्व विधायक आईजी के समक्ष अपनी नाराजगी दर्ज करवा चुकी हैं. शुक्रवार को पूर्व विधायक ने ग्रामीण एसपी के खिलाफ एक और मोर्चा खोल दिया है. 2 दिन पहले ग्रामीण SP के हैंडल से गत वर्ष भोपालगढ़ कॉआपरेटिव मार्केटिंग चुनाव के दिन दिव्या मदेरणा द्वारा जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 133 के तहत नियम विरुद्ध मतदाता को लेकर जाना बताया था. जिसको लेकर आज पूर्व विधायक ने तीखे तेवर दिखाए और बोली कि अगर नियम विरुद्ध था तो मैं अपने वकील के साथ अपनी जमानत करवाने के जांच अधिकारी एएसपी भोपालसिंह के पास गई. लेकिन उन्होंने कहा कि अभी जांच चल रही है, यह साबित नहीं हुआ है. पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि एसपी पहले भी राजनीतिक दबाव में थे. अब बदले की राजनीति के दबाव में हैं. वहीं इस मामले को लेकर ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया लेकिन वो उपलब्ध नहीं हुए. शुक्रवार दोपहर बाद एएसपी कार्यालय पहुंची पूर्व विधायक करीब डेढ़ घंटे तक एएसपी से बातचीत हुई. जिसके बाद बाहर आई पूर्व विधायक ने कहा कि मैने जमानत के लिए आग्रह किया. लेकिन जांच अधिकारी ने कहा कि फिलहाल अभी तक आप इस धारा के तहत आरोपी नहीं है. पूर्व विधायक ने कहा कि फिर मेरे द्वारा उल्लंघन करने की सूचना सोशल मीडिया पर कैसे डाली गई, यह कोई सामान्य हैंडल नहीं है. ग्रामीण एसपी के कार्यालय का हैंडल है. ट्विट भी उसी दिन किया गया जब मैने एसपी की शिकायत आईजी से की थी. मदेरणा और ग्रामीण एसपी के बीच ऐसा लगता है कि युद्ध छिड़ गया है. दोनों एक दूसरे का काउंटर करने लगे हैं. 2 तीन दिन पहले भी पूर्व विधायक मदेरणा ने पुलिस महानिरीक्षक जोधपुर रेंज विकास कुमार से मुलाकात करने के साथ ही ग्रामीण एसपी के सिंघम अंदाज पर एतराज जताया था. जबकि एसपी ग्रामीण की मानें तो अपराध को कम करने के लिए अपराधियो में भय व्याप्त करने के लिए पुलिस जो काम कर रही है वो ही तो सोशल मीडिया पर चल रहा है. ऐसे में आमजन को घबराने की आवश्यकता तो नहीं है. लेकिन अपराधी होंगे तो उनके मन में भय होना लाजमी है.