राजस्थान की राजधानी जयपुर के सबसे पॉश गांधी नगर इलाके में सरकारी क्वार्टर को तोड़कर बनाई जा रही 19 मंजिला इमारत में भ्रष्टाचार का खुलासा करने के बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने एक और खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि गांधी नगर परियोजना की मंजूरी कैबिनेट से नहीं ली गई है. इसे आनन फानन में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की मंजूरी के बाद शुरू किया गया है. कृषि मंत्री ने कहा, 'गांधीनगर में सरकारी क्वार्टर बने हुए हैं, जो बहुत जर्जर हालत में हैं. ये बात सही है कि वहां रेनोवेशन होना चाहिए. नया कॉम्प्लेक्स बनना चाहिए. इसीलिए वसुंधरा राजे की सरकार में इस काम के लिए 277 करोड़ रुपये फिक्स किए थे. लेकिन कांग्रेस की सरकार ने इस परियोजना को रोक दिया गया. अचंभा इस बात है कि जब भजनलाल सरकार ने इस योजना को वापस शुरू किया जो 5 साल बाद तय कीमत बढ़ने की बजाय घटकर 218 करोड़ पर कैसे आ गई?'किरोड़ी लाल ने आगे कहा, 'गांधी नगर VIP इलाका है. वहां हाई कोर्ट के जज, अधिकारियों से लेकर पैरालंपिक खिलाड़ी भी रहते हैं. वहां पर जमीन बेश्कीमती है. लेकिन सरकार ने 8000 रुपये प्रति वर्ग फुट का देख कागजों में दिखाया. जबकि मार्केट रेट 25000 रुपये वर्ग फुट का है. वहां कुल 17 हजार वर्ग फुट जगह है. यानी सरकार को 1146  करोड़ रुपए का चूना लगाया जा रहा है. इसीलिए मैंने सीएम को चिट्ठी लिखकर चेताया है. किरोड़ी लाल मीणा ने आगे कहा, 'अब इस पूरे मामले की जांच होगी, और उसके बाद ही काम आगे बढ़ाया जाएगा. ये योजना अच्छी है, लेकिन उसमें कुछ अधिकारी और प्राइवेट पार्टनर पर्दे के पीछे हैं जो इसको खुर्द बुर्द करना चाहते हैं. इस योजना की कैबिनेट से भी मंजूरी नहीं ली गई है. अगर कैबिनेट मंजूरी न ली जाए तो मुख्यमंत्री से ली जाए. मुख्यमंत्री ने आनन फानन में मंजूरी ले ली गई. इसीलिए पूरा मामला कैबिनेट के संज्ञान में नहीं लाया गया. गांधी नगर इलाके यूनिवर्सिटी से लगा हुआ इलाका है. प्राइवेट सेक्टर को शेयर देने से वहां फिर एंटी सोशल एक्टिविटी ज्यादा बढ़ जाएंगी.