नई तबादला नीति को लेकर गुरुवार यानी 16 मई को सचिवालय में मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में शासनिक सुधार विभाग, कार्मिक विभाग, मेडिकल विभाग समिति सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे. बैठक में इस नीति में शामिल किए जाने वाले प्रावधानों पर चर्चा हुई. राजस्थान में नई ट्रांसफर नीति लागू होने के बाद मंत्री और विधायकों की मर्जी से किसी सरकारी अधिकारी और या कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं हो पाएगा. लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को सामने आएंगे. परिणाम आने के साथ ही आचार संहिता भी हट जाएगी. आचार संहिता हटते ही भजनलाल सरकार प्रदेश में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नई तबादला नीति लागू करेगी. ऐसे में बहुत कुछ बदल जाएगा. नई तबादला नीति में सभी विभागों को ए और बी श्रेणी में बांटा गया है. 2000 से अधिक कर्मचारी वाले विभागों को ए श्रेणी में रखा गया है. वहीं, 2000 से कम कर्मचारी वाले विभागों को बी श्रेणी में रखा गया है. जानकारी के अनुसार, नई तबादला नीति लागू होने के बाद प्रदेश में 3 साल से पहले किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं होगा. राजस्थान में नई तबादला नीति की मांग लंबे समय से चली आ रही है. प्रशासनिक सुधार विभाग ने पूर्व में ही तबादला नीति के दिशा निर्देश तैयार कर सभी विभागों को भेजे थे. एक माह के भीतर दिशा निर्देशों को शामिल कर अपनी विभागीय आवश्यकताओं के अनुरूप रिपोर्ट तैयार कर भिजवाने को कहा था. नई तबादला नीति लागू होने के बाद जनप्रतिनिधियों के डिजाइन सिस्टम पर लगाम लग जाएगी. नई तबादला नीति का जो मसूदा तैयार किया जा रहा है.

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