जोधपुर। जालोर जिले के ओड़वाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दूसरे दिन राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ओड़वाड़ा गांव के ग्रामीणों को बड़ी राहत देते हुए अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी है। 29 लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिक्रमण हटाने पर रोक का निर्णय लिया है। दरअसल, जालोर के ओडवाड़ा गांव में गुरुवार को अतिक्रमण की कार्रवाई शुरू हुई और पहले ही दिन 70 अतिक्रमण हटाए गए है। हालांकि, इस दौरान जमकर बवाल देखने को मिला था। इस मामले में आज सुबह जोधपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। 29 लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विनीत माथुर की बेंच ने अतिक्रमण की कार्रवाई पर रोक लगाने का फैसला सुनाया। इस दौरान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश जी पंवार ने पक्ष रखा। वहीं, याचिकाकर्ताओं के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि ये लोग 80 साल से उन मकानों में रह रहे हैं और उनके पास पट्टा भी है। इन लोगों के पास बिजली और पानी के कनेक्शन भी हैं। ऐसे में किसी एक व्यक्ति की याचिका पर इनको अतिक्रमी नहीं माना जाएं। जिस पर जस्टिस विनीत माथुर की बेंच ने अतिक्रमण हटाने पर रोक लगाते हुए आदेश की पालना के निर्देश दिए। आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने गुरुवार रात मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से जयपुर में मुलाकात की थी। उन्होंने सीएम से कहा था कि ओडवाड़ा गांव की जनसंख्या के अनुरूप आबादी भूमि का विस्तार नहीं किया गया। ग्रामीण अनजाने में ओरण में बसते गए। उनके मकान 50-60 साल से बने हुए हैं। विधायक ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि वैकल्पिक रूप से अन्यत्र भूमि ओरण में बदल कर आबादी विस्तार किया जाए। इससे करोड़ों रुपए की बर्बादी नहीं होगी और ओडवाड़ा गांव को त्रासदी से भी बचाया जा सकेगा।